कृषि विभाग का बड़ा घोटाला: अधिकारी को मिली क्लीन चिट

निलंबित कृषि अधिकारी बहाल, बिफरी कांग्रेस

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले के निलंबित कृषि अधिकारी को बहाल कर दिया गया है। मामला देहरादून के रायपुर ब्लाक से जुड़ा था।

शनिवार को प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में गरिमा दसौनी ने बताया कि तत्कालीन जिलाधिकारी देहरादून सोनिका सिंह की जांच रिपोर्ट में सिद्ध हुआ था कि रायपुर में तैनात कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी राजदेव पवार ने फर्जी लाभार्थियों के नाम पर करोड़ों रुपये का गबन किया। संयुक्त कृषि निदेशक की जांच में भी किसानों के बयान दर्ज कर गड़बड़ी की पुष्टि हुई थी।

उन्होंने कहा कि ग्रामीणों और किसानों की शिकायतें भी सही पाई गईं, लेकिन इसके बावजूद कृषि विभाग ने हाल ही में आरोपी अधिकारी को क्लीन चिट देकर दोषमुक्त करार दे दिया। दसौनी ने सवाल उठाया कि यदि अधिकारी निर्दोष है तो डेढ़ करोड़ रुपये का घोटाला किसने किया और सरकारी खजाने से निकला पैसा किसकी जेब में गया?

कांग्रेस प्रवक्ता ने इसे सत्ता संरक्षण में हुआ संगठित भ्रष्टाचार करार देते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने जानबूझकर दोषी को बचाकर किसानों के साथ विश्वासघात किया है।

उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि पूरे मामले की उच्च स्तरीय स्वतंत्र जांच कराई जाए, दोषी अधिकारी और उसे बचाने वाले अफसरों-नेताओं पर आर्थिक अपराध का मुकदमा दर्ज हो तथा किसानों का हक तुरंत लौटाया जाए। साथ ही भ्रष्ट अधिकारियों की संपत्ति जब्त करने की भी मांग की।

कार्यालय आदेश

श्री राजदेव पंवार, कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी, रायपुर, देहरादून को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में की गयी अनियमितताओं के अनुक्रम में शासन के पत्र संख्याः-180265/ई-65602/XIII-1/2024-4(02)2023, दिनांकः 05.01.2024 द्वारा निलम्बित किया गया तथा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में की गयी अनियमितताओं के संबंध में जिलाधिकारी, देहरादून द्वारा सिंचाई योजनान्तर्गत स्प्रिंकलर सेट के वितरण की जांच किये जाने हेतु मुख्य कृषि अधिकारी, देहरादून की अध्यक्षता में गठित जांच समिति की जांचोपरान्त प्राप्त जांच आख्या पत्रांकः 182/कृषि/जांच/ 2023-24, दिनांकः 28.11. 2023 एवं महानिदेशक, कृषि एवं उद्यान विभाग द्वारा मामले की करायी गयी जांचोपरान्त उनके पत्र संख्याः-42/ दिनांक: 20.12.2023 द्वारा उपलब्ध करायी जांच आख्या के परीक्षणोपरान्त उत्तराचंल सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 2003 यथा समय-समय संशोधित के अन्र्तगत आरोप अधिरोपित करते हुए शासन पत्र संख्याः-183632/ई-65602/XIII-1/2024-4(02) 2023, दिनांकः 19.01.2024 के द्वारा आरोप पत्र निर्गत किया गया।

  1. श्री राजदेव पंवार द्वारा अपने पत्र दिनांकः 24.06.2024 द्वारा उनके विरूद्ध अधिरोपित समस्त आरोपों को अस्वीकार किया गया। तद्क्रम में उत्तराखण्ड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली-2003 के नियम-7 के अधीन उक्त अधिकारी के विरूद्ध शासन के कार्यालय पत्र अनुशासनिक कार्यवाही प्रचलित करते हुये संख्याः-230712/ई-70022/XIII(1)/2024-04(2) 2023, दिनांकः 06 अगस्त, 2024 द्वारा मुख्य विकास अधिकारी, देहरादून को जाँच अधिकारी नामित किया गया।
  2. जांच अधिकारी / मुख्य विकास अधिकारी, देहरादून द्वारा मुख्य कृषि अधिकारी, देहरादून के कार्यालय पत्र संख्याः-182/कृषि/जाँच 2023-24, दिनांकः 28.11.2023 तथा श्री दिनेश कुमार, संयुक्त कृषि निदेशक, कृषि निदेशालय, देहरादून की अध्यक्षता में गठित जाँच समिति की संयुक्त जॉच आख्या दिनॉकः 20.12.2023 के द्वारा प्रस्तुत जॉच आख्या एवं उक्त के अनुक्रम में श्री राजदेव पंवार (निलम्बित) कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी, रायपुर देहरादून द्वारा दिनाँक 24.06.2024 के माध्यम से उपलब्ध कराये गये प्रतिउत्तर एवं साक्ष्य के परीक्षणोपरान्त जांच अधिकारी के कार्यालय पत्रांक-183, दिनांक: 25.03.2025 के द्वारा 53 पृष्ठों की जाँच आख्या संलग्नकों सहित उपलब्ध करायी गयी। जॉच अधिकारी द्वारा उपलब्ध करायी गयी उक्त जॉच आख्या में आरोपवार निष्कर्ष नहीं दिया गया था। उक्त के अनुक्रम में शासन के पत्र संख्याः-304632, दिनांकः 16.06.2025 के अनुक्रम में जांच अधिकारी द्वारा गठित आरोपों एवं श्री राजदेव पंवार के प्रतिउत्तर का विश्लेषण करते हुए आरोपवार निष्कर्ष देते हुए अपने पत्र संख्याः-63, दिनांकः 24 जून, 2025 के माध्यम
    गठित आरोप संख्याः-1 में आरोप सिद्ध न होने, आरोप संख्याः-2 व 3 में आरोप की पुष्टि

न होने, आरोप संख्याः-4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21. 22, 23 में आरोप सिद्ध न होने, आरोप संख्याः-24 में वित्तीय अनियमित्ता की पुष्टि न होने, आरोप संख्याः-25 में आरोप सिद्ध न होने तथा संख्याः-26 में प्रकरण अधिकारी एवं कार्मिक के मध्य प्रशासनिक नियंत्रण एवं अनुश्रवण का प्रतीत होने की गयी संस्तुति की गयी है, के अनुक्रम में उत्तराखण्ड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील नियमावली), 2003 के नियम-9(3) में विहित व्यवस्थानुसार श्री राजदेव पंवार (निलम्बित) कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी, रायुपर, देहरादून के विरूद्ध प्रचलित जांच को निक्षेपित कर श्री पंवार के निलम्बन को समाप्त करते हुए बहाल किये जाने की श्री राज्यपाल सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं। श्री पंवार को भविष्य में सावधानीपूर्वक कार्य करने के लिए सचेत किया जाता है।

5.श्री राजदेव पंवार के निलम्बन काल के अवशेष वेतन एवं भत्तों के सम्बन्ध में उत्तराखण्ड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील नियमावली), 2003 यथा समय-समय पर संशोधित के नियम-5 में उल्लिखित व्यवस्थानुसार नियमानुसार पृथक से कार्यवाही की जायेगी।

6.यह आदेश सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदनोपरांत निर्गत किया जा रहा है।

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