उत्तराखण्ड के उपचुनाव में भाजपा के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं

बदरीनाथ उपचुनाव- ब्राह्मण व दलित मतदाता निर्णायक भूमिका में

भंडारी के ब्राह्मण विरोधी ऑडियो व दीनदयाल उपाध्याय का कथन बना विपक्ष का ब्रह्मास्त्र

मतदान-10 जुलाई और चुनाव परिणाम 13 जुलाई

अविकल थपलियाल

बदरीनाथ। लोकसभा चुनाव में पांचों लोकसभा सीट जीतने वाली भाजपा के लिए मौजूदा उपचुनाव में खोने के लिए कुछ भी नहीं है। 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी सरवत करीम अंसारी ने मैदानी हरिद्वार जिले की मंगलौर विधानसभा सीट जीती थी। और सीमान्त चमोली जिले की बदरीनाथ विधानसभा में कांग्रेस के राजेन्द्र भंडारी ने प्रचंड मोदी लहर के बाद भी यह सीट भाजपा में नहीं जाने दी। यह दोनों सीटें विपक्ष के पास थीं।

कांग्रेस प्रत्याशी भंडारी ने भाजपा के महेंद्र भट्ट को सीधी जंग में हरा दिया था। लेकिन 2022 से जुलाई 2024 तक अलकनन्दा में काफी पानी बह गया। और लोकसभा चुनाव में मार्च के महीने में भाजपा को पानी पी पी कर कोसने वाले राजेन्द्र भंडारी अगले दिन ही भाजपा में शामिल होकर सभी को सकते में डाल गए।

राज्य गठन से अभी तक एक दूसरे के प्रबल विरोधी रहे भंडारी और महेंद्र भट्ट अब एक ही मंच पर हैं। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा वक्ताओं ने भंडारी के पार्टी में आने के पीछे क्षेत्र के विकास को प्रमुखता देना बताया। जबकि कांग्रेस ने भंडारी के ‘धोखे’ के पीछे उनकी जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी के 2012 में नंदा राजजात यात्रा के दौरान निर्माण कार्यों के घपले को जिम्मेदार ठहराया।

चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने जोशीमठ आपदा को भी प्रमुख मुद्दा बनाया। बीते साल जोशीमठ आपदा के समय भाजपा को कठघरे में खड़ा करने वाले तत्कालीन कांग्रेसी विधायक राजेन्द्र भंडारी भाजपाई होने के बाद इस मुद्दे पर बहुत बोल नहीं पाए। जोशीमठ आपदा को प्रमुखता से उठाने वाले वामपंथी नेता अतुल सती कांग्रेस उम्मीदवार लखपत बुटोला के पक्ष में खड़े हैं।

इधर, बदरीनाथ विधानसभा में लम्बे समय बाद महेंद्र भट्ट व राजेन्द्र भंडारी आमने सामने नहीं है। दोनों की जंग में ब्राह्मण व ठाकुर मतों का एक बड़ा हिस्सा निर्णायक भूमिका निभाता रहा। लेकिन कांग्रेस विधायक भंडारी के त्यागपत्र के बाद बदरीनाथ के मतदाताओं पर थोपे गए उपचुनाव में कांग्रेस व भाजपा ने ठाकुर प्रत्याशियों पर ही दांव खेला। नतीजतन, इस उपचुनाव में ब्राह्मण मत निर्णायक भूमिका में दिख रहे हैं। ब्राह्मणों के साथ दलित मतों का ध्रुवीकरण जिस प्रत्याशी के पक्ष में होगा उसकी जीत तय मानी जायेगी।

इस गणित को देखते हुए बदरीनाथ उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी राजेन्द्र भंडारी का 2022 का एक पुराना ऑडियो काफी वॉयरल किया गया। इस ऑडियो में भंडारी का ब्राह्मण विरोधी बयान काफी चर्चित हुआ। इसके अलावा स्वर्गीय दीनदयाल उपाध्याय का एक कथन भी खूब वॉयरल कीयः गया। उपाध्याय के इस कथन में ‘बुरे प्रत्याशी’ और मतदाता को गलती सुधारने की बात को खूब प्रचारित किया गया। (देखें कथन)

अगर भंडारी के इस ऑडियो को ब्राह्मण मतदाताओं ने दिल पर ले लिया तो भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।कांग्रेस प्रत्याशी लखपत बुटोला के चुनाव प्रचार में गांव- गांव की धूल छान चुके पार्टी नेता गणेश गोदियाल का कहना है कि यह इस उपचुनाव में बदरीनाथ के मतदाता भाजपा प्रत्याशी राजेन्द्र भंडारी को जरूर सबक सिखाएंगे। यह उपचुनाव सीमान्त क्षेत्र के मतदाताओं पर क्यों और किन परिस्थितियों में थोपा गया,जनता यह भी सवाल कर रही है।

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