देखें वीडियो, गांव में अकेली रह रही वृद्धा कुमाली देवी तक पहुंची सरकारी इमदाद
“अविकल उत्तराखण्ड’ में कुमाली देवी की दशा पर छपी थी खबर
जगमोहन डांगी/अविकल
कल्जीखाल। खबर छपी.. प्रशासन व जनप्रतिनिधियों में हुई हरकत । और 15 घण्टे के अंदर अकेली रह रही कुमाली देवी की सुध लेने अधिकारी पहुंच गए। जब पहाड़ में लगातार अतिवृष्टि हो रही हो। और आए दिन मकान ढहने से जान माल की घटनाएं सामने आ रही हों।
गुलदार भी आंगन में धमक कर मासूमों को निवाला बना रहा हो। इन तमाम घोर संकट व विपदाओं के बीच कुमाली देवी कैसे अकेले सुरक्षित रहे सकती है।
कुछ कुछ इस आशय की खबर गुरुवार को “अविकल उत्तराखण्ड” से वायरल हुई। सीएम कार्यालय से लेकर शासन-प्रशासन ने गांव में अकेली रह रही 80 साल की कुमाली देवी की सुध ली।
और शुक्रवार की सुबह कल्जीखाल की प्रमुख बीना राणा ने खंड विकास अधिकारी को बुजुर्ग महिला की मदद के लिए भेजा । खंड विकास अधिकारी ने खाद्यान्न सामग्री और छत ढकने तिरपाल भिजवाया। कुमाली देवी को यह अहसास नहीं था कि इतनी जल्दी सरकारी कारिंदे उसके जर्जर घर के आंगन तक पहुंच जाएंगे।

इस मौके के गवाह कनिष्ठ प्रमुख अर्जुन पटवाल,प्रमुख बीना राणा के जन संपर्क अधिकारी अशोक रावत सहित अन्य कर्मी बने।
ब्लाक पमुख बीना राणा और महेंद्र राणा ने कहा कि बरसात के बाद जर्जर मकान की मरम्मत कर दी जाएगी।
गौरतलब है कि विकास खंड कल्जीखाल के ब्लॉक के नजदीक ही मनियारस्यूँ पट्टी के ही गुंड की 80 वर्षीय वृद्धा कुमाली देवी टूटी फूटी छत के नीचे रहने को मजबूर थी ।

मंगलवार को क्षेत्र के विधिक कार्यकर्ता व संवाददाता जगमोहन डांगी ने राजस्व उप निरीक्षक,ग्राम प्रधान,आंगनबाड़ी कार्यकत्री,ग्राम प्रहरी की सहायता से वृद्धा को सुरक्षित स्थान पंचायत भवन में आदि में विस्थापित करने प्रयास किया।
लेकिन वृद्धा कुमाली देवी घर से कही जाने को तैयार नही हुई उसकी जीर्ण शीर्ण घर से अतीत के भावनात्मक संबद्ध जुड़ने कारण वह घर छोड़ने राजी नहीं थी। दैवीय आपदा और गुलदार के खतरे के बावजूद कुमाली देवी अन्यत्र जगह रहने को तैयार नहीं है।

शुक्रवार को सरकारी इमदाद कुमाली देवी तक पहुंच गई है। लेकिन जर्जर मकान पर दैवीय आपदा के खतरे के अलावा गुलदार का खौफ भी फिलवक्त बरकरार है।

