नवाचार उत्सव में सतत वैज्ञानिक विकास पर किया मंथन

विज्ञान जागरुकता नाटक व पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। आंचलिक विज्ञान केंद्र राज्य एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (यूकॉस्ट) में तीन दिवसीय नवाचार उत्सव के दूसरे दिन विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक विषय के अंतर्गत विभिन कार्यक्रम , व्याख्यान सत्रों और प्रतियोगिताएं का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में भविष्य के लिए सतत वैज्ञानिक विकास मुख्य विषय के अंतर्गत एक नाटक प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया।

इस अवसर पर टीम यूकॉस्ट द्वारा पारम्परिक ज्ञान के महत्त्व पर विज्ञान जागरुकता नाटक का प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और क्रिएटिविटी कार्यशाला, नवाचार प्रदर्शनी और एक विज्ञान, नवाचार और समसामयिक तथ्यों पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।

इस अवसर पर विशेषज्ञों से मिलें, पहल के अंतर्गत नवाचार और स्टार्टअप पर एक पैनल डिस्कशन सत्र का आयोजन किया गया जिसके मुख्य वक्ता परवल प्रताप सिंह , एम् डी इन्नोवेटर , अरविन्द गुप्ता, सी ई ओ, ए एस आई नेटवर्क , प्रोफेसर अमित कुमार , देवभूमि उद्यमिता योजना ने नवाचार और स्टार्टअप्स के महत्त्व पर बात की।

इस अवसर पर क्वांटम कम्यूटर पर एक विशेष पैनल डिस्कशन सत्र का आयोजन भी किया गया जिसके मुख्य वक्ता  मनन नारंग, सी ई ओ, सिलिकॉन फेलर रहे । उन्होंने भविष्य में क्वांटम कम्यूटर, इसके प्रयोग और उपयोगिता पर अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि यह औद्योगिक क्षेत्र में एक सकारात्मक क्रांति लेकर आएगा ।

इस अवसर पर प्रोफेसर दुर्गेश पंत, महानिदेशक यूकास्ट ने नवाचार के महत्व पर बात की और कहा कि इस तरह के आयोजन विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में सहायक होते हैं । इस अवसर जी एस रौतेला, सलाहकार साइंस सिटी और अंकित कंडियाल ने एक साइंस डेमोंस्ट्रेशन लेक्चर और लिक्विड नाइट्रोजन शो का आयोजन भी किया गया, जिसमें कम तापमान पर पदार्थ का व्यवहार पर कुछ व्यावहारिक प्रयोग किए गए । उन्होंने सबको लिक्विड नाइट्रोजन के प्रयोगों से अवगत कराया । कार्यक्रम में विभिन्न नवाचारको ने प्रदर्शनी के माध्यम से अपने विचार, अनुसन्धान और उत्पाद की प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने पोस्टर प्रदर्शनी द्वारा अपने नवाचार सम्बन्धी विचार और काम प्रस्तुत किये।कार्यक्रम में विभिन्न सत्रों में राज्य के अलग अलग क्षेत्रों से आये प्रतिभागियों, डाल्फिन पी जी कालेज, तुलाज इंस्टीट्यूट, एच आई टी देहरादून, ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय आदि शिक्षण संस्थाओं के लगभग 300 से अधिक छात्र – छात्राओं, शिक्षकों और विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया।

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