पुराने संबंधों को तरजीह न देकर एक झूठे की बात को तवज्जो देना बेहतर समझा?
चैंपियन के फेसबुक पेज पर स्वर्गीय महेंद्र सिंह टिकैत को याद किया
अविकल उत्तराखंड
लक्सर। कुंवर प्रणव चैंपियन के फेसबुक पेज के जरिये किसान नेता राकेश टिकैत को भी दो टूक सुनाई गई है। चैंपियन-“उमेश विवाद में समझौते की कोशिश कर रहे टिकैत की बैठकों को भी खारिज किया गया है।
फेसबुक पेज पर किसानों के बड़े नेता महेंद्र सिंह टिकैत से अपने सम्बन्धों को भी याद किया। और लिखा कि- हमारे ताऊ जी के बेटे ने कैसे पुराने संबंधों को तरजीह न देकर एक वाहियात, दुष्वरित्र, झूठे की बात को तबज्जो देना बेहतर समझा?
चैंपियन के फेसबुक पेज पर लिखा गया है कि-
भला आप कैसे एक तपस्वी, त्यागी, संघर्षशील, व्यक्तित्व के स्वामी का मुकाबला किसी बलात्कार आरोपी, धोखेबाज, अपराधी से कर सकते हैं ?

मित्रो,
Kunwar Pranav Singh Champ…
भाई राकेश टिकैत का विवादास्पद बयानः सच्चाई के सामने भ्रामक आरोपों की निंदा
“हमारा गौरवशाली संघर्ष और तपस्वी जीवन किसी झूठे, दुष्चरित्र व्यक्ति से तुलना के योग्य नहीं। जो भी स्वार्थी तत्व हमारी प्रतिष्ठा से खिलवाड़ कर रहे हैं, उन्हें स्पष्ट संदेश है कि इस प्रकार की बैठकों को हम अस्वीकार करते हैं।”
दरअसल दि.1-2-25 को भाई राकेश टिकैत जी ने आकर जो पेशकश की, जब खबरनफीसों ने उनका बयान अखबारों में छापा तो विरोधाभास दृष्टिगत हुआ, जिसकी आशा नहीं थी।
* क्या ये पटाक्षेप विधायक चुनावी नतीजे को लेकर था?
* क्या नीचे दिखाने का कमीनापन दोने तरफ से हुआ था ?
* क्या हारने वाले को चिढाने का काम हमारी तरफ से हुआ था?
उमेश-चैंपियन की सुलह के लिए जल्द बुलाएंगे अगली बैठक: राकेश टिकैत
* क्या बिरादरी को ढाल बना हमने उकसाया; या फिर 36 ‘कौम का सम्मान “अपने प्राचीन लंढौरा रियासत” के गौरव “रंग महल” को बताया और स्वयं को मात्र ट्रस्टी बताया स्वामी नहीं ?
* इतना सब कुछ साफ होने के बावजूद भी; आखिर कैसे ?

भाई राकेश टिकैत जी आंखें मूंदकर, एक पक्षीय बयान, दोषी के हक में दे गए वैसे तो बाबासाहेब महेंद्र सिंह टिकैत जी के पिताजी राजा नरेंद्र जी से मित्रवत संबंध थे । जब सन 2002 में प्रथम निर्दलीय विधायक निर्वाचित होकर उत्तम चीनी मिल के घटनेपर बाबा टिकैत जी से प्रथम बार हम मिले, तो हमारी Personality, Qualification युवावस्था में MLA से वह बहुत प्रसन्न हुए थे। फिर कई बार भेंट हुई और बाबा जी का आशीर्वाद हमें मिला।
लेकिन आखिर कैसे भला
हमारे ताऊ जी के बेटे ने कैसे पुराने संबंधों को तरजीह न देकर एक वाहियात, दुष्वरित्र, झूठे की बात को तबज्जो देना बेहतर समझा?
भाई साहब आपका नाम तो किसान कौम व मजदूरों के हित में संघर्ष करने पर है तो भला इस वह व्यभिचारी, अपराधी, चोर की वकालत क्यों?

विधायक उमेश कुमार के निवास पर राकेश टिकैत
अरे भाई ! यह क्या कहा?
आज दिनांक 03/02/2025 के अखबारों में आप विवादास्पद वक्तव्य क्यों दे रहे हैं ? क्या टिकैत आप कहीं अपनी स्वयं की लोकप्रियता की रोटियां तो नहीं सेक रहे, इस कर्मवीर अकर्मण्य मनुष्यों के विवाद में ?
भला आप कैसे एक तपस्वी, त्यागी, संघर्षशील, व्यक्तित्व के स्वामी का मुकाबला किसी बलात्कार आरोपी, धोखेबाज, अपराधी से कर सकते हैं ?
सिर्फ पूर्व विधायकः विधायक बना दिया इस संघर्ष को ?
बड़े शर्म की बात है भाई साहब

