मुख्यमंत्री की घोषणाएं अधूरी, कांग्रेस ने उठाए सवाल

‘सीएम की घोषणाओं को निरस्त करने का अधिकार अफसरों का नहीं’

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने मुख्यमंत्री की सैकड़ों घोषणाओं के अधूरे रहने को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा किया।

दसौनी ने कहा कि स्वयं मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले आठ विभागों में 723 घोषणाओं में से 338 अब तक अधूरी हैं। मुख्य सचिव आनंद वर्धन की समीक्षा बैठक में यह जानकारी सामने आई।

उन्होंने बताया कि युवा कल्याण, वन एवं पर्यावरण, धर्मस्व, चिकित्सा स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभागों में 50% से अधिक घोषणाएं अपूर्ण हैं। जुलाई 2021 से अब तक मुख्यमंत्री की घोषणाओं का जो आंकड़ा है, उसके अनुसार:

युवा कल्याण विभाग में 78%

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में 61%

वन एवं पर्यावरण विभाग में 58%

खेल विभाग में 44%

समाज कल्याण विभाग में 31%

धर्मस्व विभाग में 51%

पेयजल विभाग में 26% घोषणाएं अभी तक पूरी नहीं हो सकी हैं।

दसौनी ने कहा कि संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे लंबित घोषणाओं पर तेजी से काम करें, व्यावहारिक न लगने वाली घोषणाओं को निरस्त करें, और जिनके लिए अधिक धनराशि की आवश्यकता है, उनके लिए बाह्य सहायतित योजनाओं के तहत बजट जुटाएं।

उन्होंने सरकार से पूछा कि जब घोषणाएं मुख्यमंत्री की होती हैं तो उन्हें निरस्त करने का अधिकार अधिकारियों को कैसे मिल गया? क्या यह मान लिया जाए कि घोषणाएं जनता को बहलाने के लिए की जाती हैं और बाद में अधिकारी अपने स्तर पर उन्हें खारिज कर देते हैं?

दसौनी ने कहा कि जब मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर ही अमल नहीं हो पा रहा है, तो आम जनता और विपक्ष की बात अधिकारियों तक कैसे पहुंचेगी? यह स्थिति स्पष्ट करती है कि सरकार पर न तो प्रशासन का नियंत्रण है और न ही कार्यों को लेकर कोई गंभीरता।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *