सड़क पर भीख मांग रहे बच्चों को आश्रय स्थल भेजा गया

पुलिस व गैर सरकारी संगठनों ने भिक्षावृत्ति में लगे बच्चों को रेस्क्यू किया

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। एन्टी ह्यूमन ट्रेफिकिंग यूनिट देहरादून द्वारा जिला टास्क फोर्स, चाइल्ड लाइन एवं विभिन्न गैर सरकारी व सरकारी विभागों के साथ मिलकर 30 बच्चों को रेस्क्यू किया गया। बीते गुरुवार को एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने नोडल अधिकारी / पुलिस उपाधीक्षक नीरज सेमवाल व प्रभारी एन्टी ह्यूमन उ0नि0 मनमोहन सिंह नेगी ने विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी विभागों / संगठनों से समन्वय स्थापित कर भिक्षावृत्ति में लगे बच्चों के चिह्नीकरण का अभियान चलाया। ऐसे बच्चे जो भीख मांगने, कबाड़ उठाने एवं कूड़ा बीनने को मजबूर हैं और जिन्हें देखरेख व संरक्षण की आवश्यकता है।

रेस्क्यू टीम ने ISBT एवं शिमला बाई पास से भीख मांगने, एवं कूड़ा बीनने वाले 15 बालक, 10 बालिकाओं सहित 5 महिलाओं को रेस्क्यू किया। और बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर काउंसलिंग करायी गयी। इसके बाद पांच बालिकाओं को सरफीना ट्रस्ट (खुला आश्रय गृह) चार बालकों व एक बालिका को शिशु निकेतन, नौ बालकों को समर्पण सोसाइटी (खुला आश्रय गृह) एवं पांच महिलाओं व उनके छह बच्चों को वीरांगना तीलू रौतेली छात्रावास में भेजा गया ।

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