यूपीसीएल ने कहा, बीते 5 साल में बिजली लाइन लॉस में 5.8 प्रतिशत की कमी
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। उत्तराखण्ड में विद्युत आपूर्ति की मांग में लगभग 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है ऐसे में यूपीसीएल का दावा है कि विद्युत वितरण प्रणाली की स्थापना के साथ-साथ परिचालन एवं व्यवसायिक दक्षता में सुधार के लिए अहम कदम उठाये गये हैं। लगातार बढ़ रही मांग की प्रतिपूर्ति करने के लिए यूपीसीएल ने प्रदेश में नये उपसंस्थानों का निर्माण तथा नई विद्युत लाइन स्थापित की है।
2023-24 में प्रदेश भर में विद्युत संतुलन बनाये रखने हेतु लगभग 4350 वितरण परिवर्तक स्थापित किये गये हैं। साथ ही एनर्जी एकाउन्टिंग को बेहतर बनाने हेतु 59212 वितरण परिवर्तक एवं 2602 पोशकों पर भी स्मार्ट मीटर लगाये जा रहे हैं जिससे बिजली व्यवस्था की डिजिटलीकरण, ऑटोमेशन और दक्षता में बढ़ोत्तरी होगी और विद्युत हानियों को भी कम किया जायेगा। चूंकि भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं यथा आरडीएसएस स्कीम की एएमआईएसपी एण्ड लॉस रिडक्सन वर्तमान में गतिमान है।
विभागीय प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य विद्युत हानियों को कम कर उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता की विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराना है । इसके लिए भारत सरकार द्वारा योजना के अन्तर्गत मानक भी निर्धारित किये गये हैं जिनमें सभी वितरण कम्पनियों को अर्हता पूर्ण करना अनिवार्य है। इसी क्रम में यूपीसीएल द्वारा प्रबन्ध निदेषक के नेतृत्व में अपनी बिलिंग एवं कलेक्शन दक्षता में सुधार करते हुए बीते 5 साल बिजली लॉस में लगभग 5.8 प्रतिशत की कमी लाई गई है।
गौरतलब है कि यूपीसीएल का साल 2019-20 में विद्युत लॉस 20.44 प्रतिशत थी। जिसको लगातार कम करते हुए वित्तीय वर्ष 2023-24 में 14.64 प्रतिशत पर लाया गया है।
यूपीसीएल प्रबन्ध निदेशक का कहना है कि बिजली हानियाँ कम होने से राजस्व में वृद्वि, तकनीकी उन्नति, मांग-आपूर्ति में संतुलन के साथ-साथ हानियों को कम होने से बचत प्राप्त होती है । इससे उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध करायी जा सकती है।
भविष्य में भी यूपीसीएल द्वारा स्मार्ट मीटरिंग की प्रणाली की स्थापना, स्काडा एवं आरटी- डैस सिस्टम जैसी तकनीकों का उपयोग इत्यादि भी विद्युत हानियों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
बीते 5 साल लाइन लॉस विवरण
वर्ष लाइन लॉस %
2019-20 - 20.44%
2020-21- 17.79%
2021-22 – 15.75%
2022-23 – 15.25%
2023-24 – 14.64%

