पुलिस अधिकारियों की प्रेस वार्ता- साइबर ढाँचे को सफलता पूर्वक सुदृढ कर लिया गया है
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। प्रदेश के सरकारी आईटी सिस्टम पर वायरस अटैक से कुछ वेबसाइट व डेटा के खराब होने की सनसनीखेज खबरों के बाद पुलिस विभाग ने कुछ जानकारी साझा की । चर्चा यह भो जोरों पर हैकर्स ने डेटा के बदले फिरौती की बाजी मांग की है। साइबर अटैक से लगभग 4-5 दिन स्टेट डेटा सेंटर की गतिविधियां ठप रही।
मंगलवार को पुलिस महानिरीक्षक नीलेश आनंद भरणे, सेंथिल अब्दई कृष्ण राज. एस, पुलिस उप महानिरीक्षक एसटीएफ. ने प्रदेश में हुए साइबर अटैक के सम्बन्ध में प्रेस वार्ता की। प्रेस वार्ता में बताया कि बीते 2 अक्टूबर को 14.45 से 14.55 बजे लगभग के मध्य सीसीटीएनएस कार्यालय में थाने द्वारा प्रेषित सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट से सम्बन्धित शिकायतों का निस्तारण किया जा रहा था । इस समय पर सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट ने काम करना बन्द कर दिया। अन्य सिस्टम पर चेक किया गया तो कोई भी सिस्टम काम नहीं कर रहा था । नतीजतन, आईटीडीए से जानकारी की गई । आईटीडीए के सर्वर पर हैकिंग सम्बन्धी मैसेज (नोट पैड) सर्वर के प्रत्येक फोल्डर में प्रदर्शित हो रहा था।
हैकर ने मेल आई-डी दी । और भुगतान के बाद डाटा सुरक्षित उपलब्ध कराये जाने से सम्बन्धित मैसेज भेजा जिसमें बिना अनुमति के एक्सेस कर कुछ बदलाव किए गए हैं। इस पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मु0अ0स0- 74/2024 धारा- 308(4) बीएनएस व 65/66/66 सी आईटी एक्ट पंजीकृत किया गया। मौके की सूचना मिलते ही पुलिस विभाग के CISO पुलिस उप महानिरीक्षक सेंथिल अब्दई कृष्ण राज. एस ने मामले की गम्भीरता को देखते हुये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ को दिशा निर्देश दिये।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह ने एक स्पेशल टीम का गठन किया गया। टीम में पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा, निरीक्षक विकास भारद्वाज, उनि राजीव सेमवाल, हेड कांस्टेबल संदेश यादव एवं सिपाही कादर खान ने त्वरित कार्यवाही करते हुए विधिक कार्यवाही की। एसटीएफ की साइबर थाने की टीम द्वारा मौके की गम्भीरता को देखते हुये जहाँ एक तरफ ITDA के कर्मचारियों को अपने कार्य एवं सभी IT प्रणाली को पुनः सुचारू रुप से संचालित करने हेतु सहयोग दिया गया वहीं अभियोग में साक्ष्य एकत्रित करने की कार्यवाही को बारीकी से प्रारंभ किया गया।
पुलिस टीम द्वारा मौके से विभिन्न डिजिटल लॉग, साक्ष्य संरक्षित करने की प्रणाली एवं वायरस की फ़ाइल को सफलता पूर्वक रिकवर कर लिया गया है। साथ ही प्रांरभिक विश्लेषण में वायरस आने का तकनीकी कारण भी विवेचना में सम्मिलित किया जा रहा है। पुलिस टीम द्वारा जो तकनीकी उपकरण की वर्चुअल मशीन है उसकी फॉरेन्सिक विश्लेषण हेतु कॉपी भेजी जायेगी एवं ITDA के साइबर विश्लेषकों के साथ वर्तमान साइबर ढाँचे को सफलता पूर्वक सुदृढ कर लिया गया है।
एसटीएफ की विशेष टीम द्वारा ITDA के कर्मियों के साथ निरंतर समन्वय स्थापित कर इस प्रकरण में हो सकने वाली हानि को रोक दिया गया है। एवं भविष्य के लिये इस प्रकार के वायरस के आने के कारण को ढूँढ कर सूचना प्रौद्यौगिकी प्रणाली को बेहतर करने में सहायता मिलेगी।
मामले की जटिलता को देखते हुये भारत की विभिन्न केन्द्रीय एजेंसी I4C गृह मंत्रालय, NIA, CERT-IN, NCIIPC आदि से समन्वय स्थापित कर उनकी टीम भी सहयोग हेतु मौके पर पहुँची है।
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