बूढ़ा केदार में बादल फटने से तबाही, मंदिर-गोशालाएं मलबे में दबे

ग्रामीणों का आरोप – घटिया निर्माण कार्य से बढ़ा नुकसान, कई गांवों का संपर्क टूटा

अविकल उत्तराखंड

टिहरी। टिहरी जिले के बूढ़ा केदार और गेंवाली क्षेत्र गुरुवार देर रात बादल फटने से बुरी तरह प्रभावित हुए। रात करीब तीन बजे हुई भारी बारिश से गांव की छानियां, गोशालाएं और मंदिर मलबे में दब गए। खेत बह गए और सुरक्षा दीवारें टूट गईं। बालगंगा, धर्मगंगा और भिलंगना नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया। गनीमत यह रही कि किसी तरह की जनहानि नहीं हुई।

ग्रामीणों में दहशत
गेंवाली के पूर्व ग्राम प्रधान कीर्ति सिंह राणा ने बताया कि कई छानियां और मंदिर मलबे में दब गए तथा मवेशियों के बहने की आशंका है। आलू और अन्य फसलें पूरी तरह नष्ट हो गईं। ग्रामीणों ने कहा कि बार-बार सुरक्षा निर्माण की मांग करने के बावजूद प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया, जिससे नुकसान बढ़ गया।

ग्रामीणों का आरोप – कमजोर निर्माण कार्य
ग्रामीणों ने बताया कि शासन ने सीसी ब्लॉक निर्माण के लिए करोड़ों रुपये स्वीकृत किए थे, लेकिन घटिया निर्माण बारिश की पहली मार में ही बह गया। कई मकान खतरे में हैं और गांव तक पहुंचने के रास्ते टूट चुके हैं। ग्रामीणों ने आरसीसी निर्माण और स्थायी सुरक्षा व्यवस्था की मांग की है।

प्रशासन अलर्ट पर
एसडीएम संदीप कुमार ने बताया कि सूचना मिलते ही राजस्व, पशुपालन और अन्य विभागीय टीमों को मौके पर भेजा गया है। नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है और पहाड़ों से बोल्डर गिरने का सिलसिला जारी है। देवप्रयाग क्षेत्र में भी लोगों को अलकनंदा नदी के किनारे जाने से रोका गया है।

आपदा का असर

गेंवली: 2 छानियां, 2 मंदिर, गोशाला मलबे में दबे

2 गाय दबने की सूचना

कृषि भूमि और प्राकृतिक जलस्रोत नष्ट

कई गांवों का पैदल संपर्क मार्ग टूटा

पेयजल लाइनें और विद्युत आपूर्ति बाधित

पुलिया बह गई, खेतों को भारी नुकसान

नैलचामी क्षेत्र में पेयजल योजनाएं व बिजली आपूर्ति प्रभावित

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