सीएम ने आपदा पीड़ितों को हर सम्भव मदद का भरोसा दिया
अविकल उत्तराखंड
नई टिहरी। नीति आयोग और मुख्यमंत्री परिषद की बैठक के बाद सीएम धामी नई दिल्ली से सीधे टिहरी गढ़वाल के आपदा प्रभावित इलाकों में पहुंचे। इस दौरान वे पीड़ितों से मिले और राहत-बचाव कार्यों की जानकारी ली।
सीएम धामी ने अधिकारियों को राहत कार्यों में तेजी लाने के दिए निर्देश देते हुए कहा कि पीड़ितों की हर संभव सहायता की जाएगी।
उन्होंने भूस्खलन सेप्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए ठोस कदम उठाने को कहा। सीएम ने कहा कि तिनगढ़ व तोली गांव के पुनर्वास को लेकर प्रशासन को कार्रवाई के निर्देश दिए गए है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को टिहरी के अस्थाई राहत शिविर राजकीय इण्टर कॉलेज विनक खाल में प्रभावितों हेतु की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने राहत शिविर में बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, विकलांगों के लिए भी उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने आपदा राहत शिविर में आपदा प्रभावितों से मिलकर उनका हाल-चाल जाना तथा उनकी समस्यायें सुनी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके द्वारा आपदा के दिन से ही लगातार स्थिति की जानकारी प्राप्त की जा रही है। उन्होंने आपदा में हुई जनहानि पर गहरा शोक संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्माओं की शांति तथा पीड़ित परिवार को इस दुख की घड़ी को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण प्राकृतिक आपदाएं हमेशा चुनौतियां बनकर आती हैं। इससे पूर्व तैयारी के साथ-साथ आपदा के समय सजगता और सतर्कता से कम से कम समय में आपदा पर काबू पाना जरूरी होता है, जिसका परिचय जिला प्रशासन ने दिखाया है। उन्होंने पीड़ितों को त्वरित राहत प्रदान करने के जिला प्रशासन के प्रयासों की भी सराहना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में भारत सरकार, राज्य सरकार प्रभावितों के साथ खड़ी है। तिनगढ़ गांव के विस्थापन की कार्रवाई शुरू हो गई है। अन्य गांव का सर्वे कर योजना बनाकर कार्य किया जाएगा। आपदा से क्षतिग्रस्त हुए सुरक्षा दीवार, स्कूल, पुल, तटबंध आदि कार्यों को शीघ्रता से किया जाएगा। आपदा सुरक्षा कार्यों में धन की कमी आड़े नहीं आएगी। उन्होंने आपदा के इस कठिन समय में धैर्य से एक दूसरे का सहयोग करने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को खतरे की जद में आने वाले मकानों को लेकर सजग रहने के निर्देश दिए। आपदा की इस घड़ी में जनप्रतिनिधियों को भी हर संभव मदद करने को कहा। आपदा प्रभावितों को कोई दिक्कत न हो तथा उनके जन जीवन को पूर्व की भांति पटरी पर लाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि तिनगढ़ गांव के पुनर्वास/विस्थापन के लिए भूगर्भीय सर्वे कर लिया गया है, तथा सैद्धान्तिक स्वीकृति मिल चुकी है। भूमि चिन्हीकरण की कार्यवाही की जा रही है। जमीन उपलब्धता के आधार पर धीरे धीरे लोगों का पुनर्वास किया जायेगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि ग्राम कोट के 28 परिवारों के विस्थापन की कार्यवाही गतिमान है। तिनगढ़ के लगभग 100 पशुओं हेतु एक अस्थाई गौशाला का चिन्हीकरण कर लिया गया है।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन विनय रोहेला, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, विधायक घनसाली शक्ति लाल शाह, एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर, जिलाध्यक्ष भाजपा राजेश नोटियाल, ब्लॉक प्रमुख भिलंगना वासुमति घणाता, सीडीओ डॉ. अभिषेक त्रिपाठी, एडीएम के.के. मिश्रा सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी, ग्रामीण मौजूद रहे।

