जंगली जानवरों के हमलों पर कांग्रेस ने खोला मोर्चा

मुख्य वन संरक्षक कार्यालय का घेराव किया

भालू–बाघ आतंक पर रोक लगाने की मांग

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गणेश गोदियाल के नेतृत्व में कांग्रेसजनों ने शुक्रवार को मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) कार्यालय का घेराव कर भालू एवं बाघ के आतंक से लोगों को निजात दिलाने की मांग उठाई। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कांग्रेस कार्यकर्ता बड़ी संख्या में दिलाराम चौक पर एकत्रित हुए, जहां से वे वन विकास निगम कार्यालय की ओर कूच करते हुए मुख्य वन संरक्षक कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन सौंपकर कड़ी कार्रवाई की मांग की।

ज्ञापन में प्रदेश अध्यक्ष गोदियाल ने कहा कि विभिन्न पर्वतीय और ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले छह महीनों से भालू, गुलदार व बाघ के हमलों में भारी वृद्धि हुई है। इन घटनाओं से ,आम नागरिक, किसान, महिलाएँ, पशुपालक और जंगलों में चारा–पत्ती के लिए जाने वाले लोग गहरी असुरक्षा महसूस कर रहे हैं। अकेले पौड़ी और चमोली जिलों में इन वन्यजीवों द्वारा सैकड़ों पालतू पशुओं को मौत के घाट उतार दिया गया है, जबकि कई लोग बाघ और गुलदार के हमलों में जान गंवा चुके हैं तथा अनेक गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

इससे न केवल जान–माल का नुकसान हो रहा है, बल्कि ग्रामीणों की आजीविका प्रभावित हो रही है और पलायन की प्रवृत्ति बढ़ रही है।

कांग्रेस की प्रमुख मांगें

कांग्रेस अध्यक्ष गोदियाल ने मुख्य वन संरक्षक से निम्न कदम तत्काल उठाने की मांग की।

  1. प्रभावित क्षेत्रों में भालू और बाघ की गतिविधियों की ट्रैकिंग एवं मॉनिटरिंग बढ़ाई जाए।
  2. रात के समय वन विभाग की गश्त और निगरानी सुदृढ़ की जाए।
  3. गाँवों के आसपास ट्रैंक्विलाइज़र टीम और रेस्क्यू यूनिट की तैनाती की जाए।
  4. मानव–वन्यजीव संघर्ष के पीड़ितों को तत्काल मुआवजा और उपचार सुविधा प्रदान की जाए।
  5. ग्रामीणों के लिए जागरूकता एवं सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हों।
  6. आवश्यक स्थानों पर बाड़बंदी और चेतावनी संकेतक लगाए जाएँ।
  7. वन विभाग, स्थानीय पंचायत और प्रशासन के बीच समन्वय मजबूत किया जाए।
  8. मानव–वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए दो प्रकार की कार्ययोजना बनाई जाए—

तात्कालिक योजना: संघर्ष को तुरंत कम करने के उपाय

दीर्घकालिक योजना: वन्यजीवों का रिहायशी इलाकों में प्रवेश पूर्णतः रोकने की रणनीति

गणेश गोदियाल ने कहा कि यह अत्यंत गंभीर समस्या है और वन विभाग को जनता की सुरक्षा के लिए त्वरित व प्रभावी कदम उठाने चाहिए।

कार्यक्रम में मौजूद प्रमुख लोग

पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, कोषाध्यक्ष आर्येन्द्र शर्मा, प्रदेश महामंत्री राजेन्द्र सिंह भंडारी, राजेन्द्र शाह, पूर्व विधायक राजकुमार, महिला अध्यक्ष ज्योति रौतेला, महेन्द्र सिंह नेगी, वीरेंद्र पोखरियाल, महानगर अध्यक्ष डॉ. जसविंदर सिंह गोगी, जिलाध्यक्ष मोहित उनियाल, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, प्रभुलाल बहुगुणा, सुरेंद्र सिंह रांगड़, संजय शर्मा, उपेंद्र थापली, अश्विनी बहुगुणा, प्रदेश प्रवक्ता डॉ. प्रतिमा सिंह, राजेश चमोली, शीषपाल बिष्ट, ओमप्रकाश सती बब्बन, संजय कनौजिया, सुवर्षा पॉल, पंकज क्षेत्री, उर्मिला थापा, सोनिया आनंद, निधि नेगी, यशपाल चौहान, जिलाध्यक्ष सुरेश डिमरी, प्रदीप जोशी, सुलेमान अली, मोहन सिंह खत्री, जगदीश धीमान, पार्षद रॉबिन त्यागी, सुशांत बोरा, आयुष गुप्ता, अर्जुन सोनकर, ऐताब खान, अरविन्द चौधरी, इलियास अंसारी, सागर मनवाल, मनीष नागपाल, पुष्पा पंवार, रघुवीर बिष्ट, स्वाति नेगी, शिवानी थपलियाल, सुनित सिंह राठौर, गोविंद सिंह पुंडीर, अमेन्द्र बिष्ट, ललित भद्री, आशु रतूड़ी, शकील अहमद, शरीफ बेग, अखिलेश उनियाल, प्रमोद बिष्ट, सागर मनवाल, करतार सिंह नेगी, अमन सिंह, अजय रावत, अज्जी रावत, विनीत प्रसाद भट्ट, अनिल नेगी, अनिल उनियाल, नितिन बिष्ट, विकास नेगी, गिरिराज हिन्दवान, मनीष गौनियाल, प्रशांत खंडूरी, अनुसूचित जाति अध्यक्ष मदन लाल, नितिन चंचल, संजय थापा, महिपाल शाह, दिनेश कौशल, अनुराधा तिवाड़ी, सावित्री थापा, कैलाश बाल्मीकि, आशीष देसाई, फैजल खान, अमन सिंह, प्रकाश नेगी, लक्ष्मण सिंह नेगी, पुनीत चौधरी, जाकिर अंसारी, अशोक कुमार, आदर्श सूद, सुनील बांगा, फरमान अली, शुभम खरोला, राहुल बगरियाल, मंजू चौहान समेत कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *