मलिन बस्तियों के प्रस्तावित ध्वस्तीकरण मुद्दे पर कांग्रेस ने प्रदर्शन किया

कांग्रेस ने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की

मलिन बस्ती में आक्रोश और मायूसी -राजकुमार,पूर्व विधायक

देहरादून। रिस्पना नदी के किनारे वर्ष 2016 के बाद बने भवनों को अवैध मानकर ध्वस्त किए जाने के विरोध में कांग्रेस ने नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन किया।

कांग्रेस के पूर्व विधायक राजकुमार की अध्यक्षता में शनिवार को बॉडीगार्ड मलिन बस्ती में एक बैठक में सीएम धामी से हस्तक्षेप की मांग की गई।

पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि इससे मलिन बस्ती वालों में आक्रोश और मायूसी व्याप्त है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इस मामले में हस्तक्षेप न करने से लोग मायूस हैं ।

उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि इस मामले में हस्तक्षेप कर मलिन बस्तियों के लोगों के आवासीय भवनों को बचाया जाए और उनको जीने का अधिकार दिया जाए।

पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि इन बस्तियों के पास कई साल से राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर कार्ड, बिजली और पानी के बिल कलेक्शन समेत कई सरकारी सुविधाओं के प्रमाण मौजूद हैं।

साथ ही उनके पास आवासीय भवनों में रहने के अन्य सरकारी प्रमाण भी मौजूद हैं। ऐसे में उनका बेदखल किया जाना मानवीयता के खिलाफ है। इस मामले में मुख्यमंत्री को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए।

पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि इस मामले में कांग्रेस पार्टी जल्द ही अधिवक्ताओं की न्यायिक राय लेकर कोर्ट में शरण लेगी।

बैठक के बाद कांग्रेस ने इस मामले में नगर निगम की उपेक्षा को देखते हुए उनके खिलाफ प्रदर्शन भी किया।

बैठक में कांग्रेस के पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, पूर्व पार्षद दीप चौहान, परवेंद्र ओबराय, प्रेम राज, सोनू, चमन लाल, नितिन, विकास, राधेश्याम आदि मौजूद थे।

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