कांग्रेस ने बिगड़ती कानून व्यवस्था पर पुलिस प्रशासन पर किये कड़े प्रहार

अंकिता भंडारी केस के वीआईपी का पता नहीं लगा पायी सरकार

कांग्रेस ने अपराध के आंकड़े पेश कर कहा,जीरो टॉलरेंस की खुली कलई

बीज घोटाले की फ़ाइल खोने पर सूचना आयुक्त ने की तल्ख टिप्पणी

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। प्रदेश में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं पर बोलते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से चरमरा चुकी है । अपराधियों के मन से कानून का भय समाप्त हो गया है। उत्तराखण्ड राज्य में पिछले एक वर्ष में घटित हुई अपराध की घटनाओं से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तराखंड में महिला अपराध तथा अन्य अपराधों का स्तर कहां पहुंच गया है। समाज के अराजक तत्व और अपराधी प्रवृत्ति के लोगों में उत्तराखंड पुलिस प्रशासन का डर और भय समाप्त हो गया है।

माहरा ने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड पुलिस प्रशासन के ढीले और लापरवाह रवैयेकी वजह से राष्ट्रीय मुद्दा बन गया। भाजपा नेता के रिसोर्ट पर आनन-फानन में बुलडोजर चलवाकर सारे साक्ष्य मिटा दिए गए। अंकिता केस के वीआईपी का नाम आज तक उजागर नहीं हो पाया है। इस हत्याकांड में एक नहीं सैकड़ों सवाल हैं जिनके जवाब अनुत्तरित हैं। माहरा ने कहा कि ममता बहुगुणा जोशी पौड़ी के श्रीनगर से लापता है जिसकी हत्या की आशंका जताई जा रही है। पुलिस प्रशासन के पास कोई जवाब नहीं कि ममता कहां है और आखिर इस केस की फाइल को दबा क्यों दिया गया। माहरा ने कहा कि पौडी के घुडदौड़ी इन्जीनियरिंग काॅलेज की छात्रा द्वारा विभागाध्यक्ष एवं प्रो0 पर उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए आत्महत्या की, परन्तु कार्रवाई के नाम पर केवल उत्पीड़न करने वाले शिक्षकों के स्थानान्तरण कर दिये गये।

माहरा ने कहा कि केदार भंडारी 19 साल का युवा जो आंखों में सपने लेकर आया था अग्निवीर योजना के तहत भर्ती होने के लिए अचानक चोरी के इल्जाम में पुलिस पकड़ कर ले जाती है और केदार गायब हो जाता है तथा बाद मे उसके डूबने की मनगढ़ंत कहानी रची गई परन्तु लाश का आज तक कोई अता पता नहीं चला। माहरा ने कहा कि सल्ट के दलित युवक जगदीश की निर्मम हत्या देवभूमि को शर्मसार करने वाली घटना थी। घटना से पूर्व जगदीश द्वारा पुलिस अधीक्षक अल्मोड़ा से पुलिस सुरक्षा की मांग भी की गई थी परन्तु सरकार द्वारा उन्हें सुरक्षा नहीं दी गई। माहरा ने कहा कि हाल ही में हुई चमोली में पिंकी हत्याकांड, हरिद्वार में भाजपा नेता द्वारा महिला से बलात्कार की घटना,

हर्रावाला देहरादून में दलित युवती मनाली हत्याकांड, हाथीबडकला देहरादून में महिला के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या, टिहरी में दलित युवक जितेन्द्र दास एवं लखनलाल हत्याकांड, रुड़की के ढंडेरी गांववासी दलित युवक की हत्या ये सभी घटनायें राज्य में समाप्त हो चुकी कानून व्यवस्था के जीते जागते उदाहरण हैं।

माहरा ने कहा कि उत्तराखण्ड में मातृशक्ति सुरक्षित नही हैं

आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार 2022 में उत्तराखण्ड में 872 महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ। प्रत्येक दिन उत्तराखण्ड राज्य के अन्दर 3 बलात्कार उत्तराखण्ड राज्य में दर्ज हो रहे हैं। माहरा ने बताया कि उधम सिंह नगर में बलात्कार की 247 हरिद्वार में 229 और देहरादून 184 घटनाएं हुई हैं, सबसे कम अगर बलात्कार या छेडछाड की घटनाएं कहीं घटित हुई हैं तो वह उत्तराखण्ड का पर्वतीय क्षेत्र रूद्रप्रयाग जिला है यहाॅ सिर्फ एक मामला दर्ज किया गया है, वहीं नैनीताल में 103 मामले दर्ज हुए हैं, अल्मोडा में 16 मामले दर्ज किए गए हैं। माहरा ने बताया कि पिथौरागढ में 17 मामले दर्ज किए गए हैं, चम्पावत में 7 मामले दर्ज हैं, बागेश्वर में 10 मामले दर्ज हुए हैं, टिहरी गढवाल में 15, उत्तरकाशी में 13, चमोली में 9, पौडी गढवाल में 20 बलात्कार के मामले दर्ज हुए हैं।

कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों के उत्पीड़न का आरोप

माहरा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार जब से सत्तारूढ़ हुई है तब से राज्य सरकार के इशारे पर राजनैतिक प्रतिशोध और द्वेष की भावना से विपक्षी दलों के जनप्रतिनिधियों का लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है। राज्य सरकार के इशारे पर कंाग्रेस पार्टी के चुने हुए पंचायत प्रतिनिधियों को अलोकतांत्रिक तरीके से पदों से हटाया जा रहा हैं तथा पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों पर झूठे मुकदमें लगाये जा रहे हैं।

कांग्रेस पार्टी की जिला पंचायत चमोली की अध्यक्ष श्रीमती रजनी भण्डारी जिला पंचायत अध्यक्ष उत्तरकाशी दीपक बिजल्वाण, नगर पालिका परिषद श्रीनगर की अध्यक्ष श्रीमती पूनम तिवारी, नगर पंचायत पुरोला के अध्यक्ष हरिमोहन नेगी, ब्लाॅक प्रमुख खटीमा  रणजीत सिंह नामधारी, नगर पंचायत पुरोला के अध्यक्ष हरिमोहन नेगी को अलोकतांत्रिक तरीके से झूठे आरोप लगाते हुए उनके पदों से हटाया गया तथा जिला पंचायत बागेश्वर के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश सिंह ऐठानी के खिलाफ झूठे आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज किया गया तथा इसके विपरीत भाजपा नेताओं पर हत्या, बलात्कार, भ्रष्टाचार और तमाम भर्ती घोटालों में संलिप्ता उजागर होने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।  

बीज घोटाले की फ़ाइल खोने पर सूचना आयुक्त ने की तल्ख टिप्पणी

माहरा ने बताया कि बीज घोटाला 2016 में संज्ञान में आया । हरीश रावत सरकार ने आशीष श्रीवास्तव एडिशनल सेकेन्ट्री एग्रीकल्चर को जाॅच सौपी पर सरकार बदल गयी। 10 अक्टूबर 2017 को आशीष जी ने अपनी रिपोर्ट में बडी गडबडियों के मद्येनजर वृहद और व्यापक जाॅच की बात कही, कुमाॅउ कमिश्नर को 9 जनवरी 2018 को जाॅच सौंपी गयी, मार्च 2018 कुमाउॅ कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट में बडी अनिमियताओं के चलते एसआईटी गठित करने की बात कही, प्रशासन ने दिसम्बर 2018 को बीज प्रमाणीकरण ऐजेन्सी के डायरेक्टर को हटा दिया। लेकिन इस बड़े घोटाले पर एसआईटी आज तक गठित नहीं की।

आरटीआई एक्टिविस्ट हरिशंकर पाण्डे की अपील की सुनवाई के दौरान सूचना आयुक्त योगेश भटट ने सरकार की कार्य प्रणाली पर गम्भीर सवाल और तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि पाण्डे यदि अपील न करते तो पता ही न चलता की फ़ाइल गायब है। माहरा ने कहा कि दो साल से फ़ाइल गायब है और विभाग के सेक्शन आॅफिसर आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा सूचना आयोग में अपील के बाद धारा चौकी में फ़ाइल गायब होने की रिपोर्ट लिखवाते हैं। फ़ाइल14 अगस्त 2020 को अंतिम बार एडिश्नल सैकेट्री राम विलास यादव के आॅफिस में गई थी जो आय से अधिक मामले में जेल में हैं।

महारा ने कहा कि कभी जमीन खरीद के रिकॉर्ड गायब होना और अब बीज घोटाले की फाइल गायब होने से
धामी सरकार के जीरो टॉलरेंस की कलई खुल गई है। पत्रकारवार्ता में प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन/प्रशासन मथुरादत्त जोशी, मुख्य प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी, जिला अध्यक्ष पुरोला दिनेश चौहान राष्ट्रीय संयोजक सोशल मीडिया अमरजीत सिंह प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट उपस्थित रहे

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