छह साल पहले आय प्रमाणपत्र बनाने के एवज में ली थी रिश्वत
अविकल उत्तराखंड
हल्द्वानी/देहरादून। हल्द्वानी की भ्र्ष्टाचार निवारण कोर्ट ने छह साल पुराने रिश्वत प्रकरण में राजस्व उप निरीक्षक को तीन साल की सजा सुनाते हुए 25 हजार का जुर्माना ठोका। जुर्माना अदा न किये जाने की स्थिति में अभियुक्त राम सिंह को छः माह के अतिरिक्त साधारण कारावास से दण्डित किया गया। न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम/विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण हल्द्वानी श्रीमती नीलम रात्रा की अदालत ने 14 मई को अभियुक्त राम सिंह को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 (1) (D) सपठित धारा 13(2) के अपराध के लिये तीन वर्ष के कठोर कारावास तथा 25,000/- रूपये (पच्चीस हजार रूपये) जुर्माने से दण्डित किया गया।
गौरतलब है कि 27 अप्रैल 2018 के शिकायतकर्ता तरसेम सिंह पुत्र ज्ञान सिंह निवासी ग्राम मैनाझुण्डी पो० नकटपुरा तह० सितारगंज जिला ऊधमसिंहनगर ने सतर्कता अधिष्ठान कार्यालय नैनीताल सेक्टर हल्द्वानी में शिकायत की थी कि उसके आय प्रमाण पत्र पर रिपोर्ट लगाने के एवज में 5500/- रूपये रिश्वत की मांग की गयी। जांच से तथ्य सही पाये जाने पर निरीक्षक पंकज कुमार उप्रेती ने 1मई 2018 को राजस्व उप निरीक्षक, राम सिंह को 55,00/ की रिश्वत लेते हुये रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया ।
इस सम्म्बन्ध में थाना सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर नैनीताल हल्द्वानी में मु०अ०सं० 4/2018 धारा 7/13 (1) डी सपठित 13 (2) भ्र०नि०अधि० 1988 बनाम राम सिंह पंजीकृत किया गया । अभियोग के विवेचक निरीक्षक संजय कुमार पाण्डे ने आरोप पत्र मा० न्यायालय में प्रेषित किया । अभियोजन की कार्यवाही के दौरान अभियोजन अधिकारी श्रीमती दीपा रानी ने मा० न्यायालय के समक्ष 11 गवाहों के बयान दर्ज कराए थे।
अभियोग में पैरवी मुख्य आरक्षी सतपाल चिन्याल द्वारा की गयी। अभियोग के केस आफिसर निरीक्षक हेम चन्द्र पाण्डे थे।
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