उत्तराखण्ड की धौली गंगा में झील बनने से खतरा मंडराया

सैटेलाइट इमेज में दिखा झील का फैलाव

सीमांत चमोली के तपोवन के निकट आपदा की आहट

डीएम ने दिए राहत-रोकथाम के निर्देश

अविकल उत्तराखंड

चमोली। चमोली जिले में तपोवन के ऊपर धौली गंगा में अचानक बनी झील ने खतरे की घंटी बजा दी है। सैटेलाइट इमेज में झील का स्पष्ट चित्र सामने आने के बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है। जिलाधिकारी गौरव कुमार ने आपदा प्रबंधन विभाग, विशेषज्ञों और एसडीआरएफ की टीम को तत्काल मौके पर भेज दिया है ताकि झील की स्थिति का आकलन किया जा सके और किसी भी संभावित आपदा से पहले जल निकासी की व्यवस्था की जा सके।

जानकारी के अनुसार, झील धौली गंगा के ऊपरी हिस्से में बन रही है और लगातार बढ़ती जलराशि ने प्रशासन को सतर्क कर दिया है। बीते कुछ दिनों से क्षेत्र में हल्के भूस्खलन की घटनाएं भी दर्ज की गई हैं। ऐसे में झील का दबाव बढऩे पर नीचे तपोवन क्षेत्र और हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स के लिए खतरा पैदा हो सकता है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि पिछले दो दिनों से धौली गंगा का रंग और प्रवाह दोनों में बदलाव देखने को मिला है। लोगों में आशंका है कि झील के फटने की स्थिति में पानी का प्रवाह अचानक तेज हो सकता है। प्रशासन ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और किसी भी असामान्य गतिविधि की सूचना तुरंत देने की अपील की है। डीएम गौरव कुमार ने कहा कि स्थिति पर पूरी नजर रखी जा रही है। किसी को घबराने की आवश्यकता नहीं है। हम लगातार निगरानी कर रहे हैं और हर जरूरी कदम समय रहते उठाए जाएंगे, उन्होंने कहा।

2021 में रैणी में ग्लेशियर टूट ने से आई थी आपदा

तपोवन क्षेत्र में वर्ष 2021 में रैणी ग्लेशियर टूटने की भयावह आपदा का गवाह रह चुका है। उसी इलाके में दोबारा झील बनना लोगों के बीच चिंता का कारण बन गया है। प्रशासन ने अनुभवजन्य रूप से इस क्षेत्र को उच्च जोखिम जोन घोषित करते हुए पहले ही लगातार मॉनिटरिंग शुरू कर दी थी। सैटेलाइट इमेज ने अब स्थिति की गंभीरता को और पुख्ता किया है। डीएम गौरव कुमार ने कहा कि फिलहाल विशेषज्ञ दल झील की लंबाई, चौड़ाई और गहराई का सर्वे करेगा, साथ ही पानी के प्रवाह की दिशा का मूल्यांकन करेगा। रिपोर्ट के आधार पर जल निकासी और राहत कार्यों की रणनीति तय की जाएगी।

उठाए गए कदम

  • सैटेलाइट इमेज प्राप्त होते ही डीएम ने आपदा प्रबंधन, एसडीआरएफ और तकनीकी विशेषज्ञों को मौके पर भेजा
  • झील के आसपास के गांवों में सतर्कता बढ़ाई गई
  • एसडीआरएफ टीम को तत्काल राहत सामग्री और उपकरणों के साथ तैनात किया गया
  • प्रशासन ने ग्लेशियर क्षेत्र की लगातार निगरानी के निर्देश दिए

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *