फैसला- सरकारी कर्मचारी आरएसएस के कार्यक्रम में हिस्सा ले सकेंगे

‘राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के कार्यक्रम में भाग लेना कर्मवारियों की आचरण नियमावली का उल्लंघन नहीं’

अपर मुख्य सचिव ने जारी किया आदेश

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। धामी सरकार ने एक और अहम फैसला लिया है। अब उत्तराखण्ड के सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ की शाखा व अन्य कार्यक्रम में बेरोकटोक हिस्सा ले सकेंगे।

यह उत्तराखण्ड राज्य कर्मवारियों की आचरण नियमावली, 2002 (समय-समय पर यथा संशोधित) का उल्लंघन नहीं माना जायेगा।

इस आशय के आदेश अपर मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने गुरुवार को जारी किए।

आदेश में कहा गया है कि किसी भी राजकीय कार्मिक द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की शाखा( प्रातःकालीन / सायंकालीन सभा) व अन्य सांस्कृतिक / सामाजिक गतिविधियों में हिस्सा ले सकेंगे।

आदेश में यह भी कहा गया है कि इससे उसके सरकारी कर्तव्य एवं दायित्वों में कोई अड़चन न पड़ती हो। कर्मचारी सरकारी कार्यालय अवधि के पूर्व व पश्चात् ही संघ के करक्रमोंमें हिस्सा ले सकेंगे।

देखें आदेश,

संख्या: 236564/xXX(2)/2024-F 77024

प्रेषक,

आनन्द बर्द्धन, अपर मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन।

सेवा में,

1. समस्त प्रमुख सचिव/सचिव उत्तराखण् शासन।

2. आयुका. गढ़वाल / कुमाऊँ मण्डल, पौडी/नैनीताल।

3. समस्त विभागाध्यक्ष / कार्यालयाध्यक्ष राखण्ड।

4. समस्त जिलाधिकारी, उत्तराखण्ड।

कार्मिक एवं सतर्कता अनुभाग-2

सितम्बर देहरादून दिनांक ०९ अमसी, 2024

विषयः उत्तराखण्ड राजकीय कार्मिकों द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की शाखा (प्रातःकालीन/सायंकालीन रागा) व अन्य सांस्कृतिक / सामाजिक गतिविधियों में प्रतिभाग किये जाने के सम्बन्ध में।

महोदय,

उपर्युक्त विषय के संबंध में शासन द्वारा सम्यक विचारोपरान्त यह निर्णय लिया गया है कि किसी भी राजकीय कार्मिक द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की शाखा( प्रातःकालीन / सायंकालीन सभा) व अन्य सांस्कृतिक / सामाजिक गतिविधियों में प्रतिभाग किये जाने को उत्तराखण्ड राज्य कर्मवारियों की आचरण नियमावली, 2002 (समय-समय पर यथा संशोधित) का उल्लंघन नहीं माना जायेगा।

2 इस सम्बन्ध में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि किसी राजकीय कार्मिक द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की शाखा (प्रातःकालीन / सायंकालीन सभा) व अन्य सांस्कृतिक/ सामाजिक गतिविधियों में तभी प्रतिभाग अथवा योगदान दिया जा सकेगा, बशर्ते इस कार्य द्वारा उसके सरकारी कर्तव्य एवं दायित्वों में कोई अड़चन न पड़ती हो। ऐसा प्रतिभाग अथवा योगदान सरकारी कार्यालय अवधि के पूर्व व पश्चात् ही किया जा सकेगा।

3 इस सम्बन्ध में पूर्व में निर्गत समस्त शासनादेश अभिक्रमित समझे जायेंगे।

नेवदीय,

(आनंन्द्र बर्द्धन) अपर मुख्य सचिव

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