ट्यूबवेल के बाबत सौर ऊर्जा प्रणाली का सहयोग लें विभाग

उत्तराखंड जलापूर्ति कार्यक्रम – उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक आयोजित

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में विश्व बैंक सहायता प्राप्त अर्ध-शहरी क्षेत्रों में उत्तराखंड जलापूर्ति कार्यक्रम (2018-2025) से संबंधित 12वीं उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की बैठक आयोजित की गई।
बैठक में जलापूर्ति कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा की गई और विभिन्न पहलुओं पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

सौर ऊर्जा प्रणाली को मिलेगा बढ़ावा

मुख्य सचिव ने ट्यूबवेल पर बिजली व्यय में बचत के लिए सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित करने की कार्ययोजना पर काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने पेयजल विभाग समेत अन्य संबंधित विभागों को खाली स्थानों की मैपिंग कर सौर ऊर्जा प्रणाली लगाने की योजना तैयार करने को कहा। साथ ही, ट्यूबवेल लगाने से पहले भूजल स्तर की रिपोर्ट अनिवार्य रूप से प्राप्त करने के निर्देश भी दिए गए।

गुड प्रैक्टिसेज की निरंतरता पर जोर मुख्य सचिव ने जलापूर्ति कार्यक्रम के तहत ‘गुड प्रैक्टिसेज’ को बनाए रखने पर बल दिया। उन्होंने 100 प्रतिशत जल गुणवत्ता, निरंतर जलापूर्ति, ऊर्जा दक्षता, ग्राहकों की संतुष्टि और त्वरित शिकायत निवारण तंत्र में सुधार के निर्देश दिए। बैठक में उत्तराखंड पेयजल निगम और जल संस्थान की विभिन्न योजनाओं के अंतिम परिवर्तन को भी अनुमोदित किया गया।

जलापूर्ति कार्यक्रम की स्थिति और प्रगति बैठक में जानकारी दी गई कि 1042 करोड़ रुपये की लागत वाले इस प्रोजेक्ट की समाप्ति 30 जून 2025 निर्धारित है। इसमें 834 करोड़ रुपये का योगदान विश्व बैंक का और 208 करोड़ रुपये का योगदान उत्तराखंड सरकार का है। यह प्रोजेक्ट देहरादून, टिहरी, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर के 22 शहरों में लागू किया जा रहा है। इसके तहत न्यूनतम 12 मीटर प्रेशर के साथ प्रतिदिन 16 घंटे जलापूर्ति सुनिश्चित करने और 135 एलपीसीडी के आधार पर 4.35 लाख लक्षित आबादी को लाभान्वित करने का लक्ष्य है।

22 योजनाएं पूर्ण, 24% अधिक नए कनेक्शन पेयजल विभाग के अधिकारियों ने बैठक में बताया कि प्रोजेक्ट के तहत 22 योजनाएं पूरी हो चुकी हैं और अब तक 1,08,755 नए जल कनेक्शन दिए गए हैं, जो कि निर्धारित लक्ष्य से 24 प्रतिशत अधिक हैं। विश्व बैंक ने परियोजना के क्रियान्वयन पर संतोष व्यक्त किया है।

बैठक में सचिव पेयजल, वित्त विभाग के अधिकारी और अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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