ग्राफिक एरा हिल विवि के दीक्षांत समारोह में 8245 युवाओं को उपाधियां मिली
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। युवाओं की नयी पारी शुरू हो रही है लिहाजा उन्हें सफलता के लिए नये संकल्प लेने होंगे। अतिरिक्त मेहनत करके दूसरों के लिए मिसाल बनने और आगे निकलने में जुटना होगा। राज्यपाल शुक्रवार को ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में चौथे दीक्षांत समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे।
दीक्षांत समारोह में 8245 युवाओं को इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, कम्प्युटर एप्लीकेशन समेत विभिन्न विषयों में उपाधियां प्रदान की गईं।
दीक्षांत भाषण में राज्यपाल गुरमीत सिंह ने विभिन्न डिग्री प्राप्त करने वाले युवाओं से कहा कि अब उनकी एक नई यात्रा शुरु हुई है। इस यात्रा के लिए उन्हें कुछ संकल्प लेने होंगे।
सफल होने के लिए ये संकल्प जरूरी हैं। युवाओं को प्रण करना होगा कि वे कार्य करने और आगे बढ़ने के लिए रोजाना एक घंटा अधिक देंगे। एक्स्ट्रा कार्य उन्हें कार्य क्षेत्र में लीडर बनाता है। युवाओं को निगेटिव सोच वाले लोगों से दूर रहना होगा और खुली आंखों से सपने देखने होंगे। बिना किसी सीमा वाले सपने। अपने सपनों के रूप में अपने लक्ष्य निर्धारित करके उन्हें कर्म की तरह पूरा करने में जुट जाना चाहिए। बिल्कुल अर्जुन की तरह। कार्य के प्रति जुनून रखना और अपनी वर्थ को पहचान कर उसे बढ़ाना युवाओं के हाथ में है।
राज्यपाल ने कहा कि यह एक चुनौती है कि अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए लगातार आगे बढ़े और निगेटिव लोगों व नशे से बचें। इसके लिए इच्छा शक्ति, सैल्फ डिसिप्लिन और सैल्फ कंट्रोल होना बहुत जरूरी है। ग्राफिक एरा के संस्थापक अध्यक्ष के उदगारों को उद्धृत करते हुए राज्यपाल ने कहा कि सीखना यहां डिग्री लेने के बाद खत्म नहीं होना चाहिए।
सीखना एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है, जिंदगी के आखिरी क्षण तक इसे जारी रखना चाहिए। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने वर्ष 2023 और 2024 में पीएचडी करने वाले 17 युवाओं को डिग्री प्रदान की।
ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंन के चेयरमैन एवं संस्थापक डॉ कमल घनशाला ने दीक्षांत समारोह में युवाओं से उत्तराखंड के दूर दराज के इलाकों में स्टार्ट अप लगाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बॉर्डर पर स्थित राज्यों के समक्ष बड़ी चुनौतियां हैं। युवा नौकरी के लिए कहीं बाहर जाने के बजाय अपने पहाड़ों पर अपने गांव में या उसके आसपास बैठकर भी अपने स्टार्ट अप शुरु कर सकते हैं। वहां उन्हें मैन पावर भी सस्ती मिलेगी। अपना उदाहरण देते हुए डॉ घनशाला ने कहा कि वर्ष 1992 में इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने महज 29 हजार रुपये की लागत से स्टार्ट अप के रूप में ग्राफिक एरा की शुरुआत की थी, जो आज शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां स्थापित कर रहा है। पहाड़ों पर कार्य शुरु करना युवाओं का दायित्व भी है।
डॉ घनशाला ने कहा कि आज के दौर में जीवन में आगे बढ़ने के लिए कुछ चीजें बहुत आवश्यक हैं। पहली बात ये है कि कम्युनिकेशन गैप नहीं होना चाहिये। कम्युनिकेशन गैप होने के कारण छोटी छोटी बातें बड़ी समस्या बन जाती हैं। इसलिए समस्या उत्पन्न होने से पहले ही आगे बढ़कर अपनी बात स्पष्ट कर देनी चाहिए। इससे ईगो हर्ट नहीं होता। दूसरे आज के दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को सीखना आगे बढ़ने के लिए बहुत जरूरी है। कुछ नया सीखने के लिए तत्पर रहना चाहिए और सीखने का सिलसिला हमेशा चलते रहना चाहिए। तीसरे, जो भी कार्य करें उसे एंजॉय करें। जब अपने कार्य को एंजॉय करेंगे, तभी अपना बेस्ट दे पायेंगे। बेस्ट देंगे, तो आगे निकलेंगे। इसके साथ ही इन्सिक्योर लोगों को पहचानना आना चाहिए और उनसे दूर हो जाना चाहिए। युवाओं को सदैंव अपने माता पिता का सम्मान करना चाहिए।
कुलपति डॉ संजय जसोला ने डिग्री लेने वाले छात्र छात्राओं को शपथ दिलाई और विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। डॉ जसोला ने कहा कि तेरह साल पहले रिकॉर्ड 100 दिनों में यूनिवर्सिटी के देहरादून और भीमताल के कैम्पस की शुरुआत करते डॉ कमल घनशाला ने युवाओं के भविष्य को संवारने का जो मिशन आरम्भ किया था, आज वह साकार हो रहा है। विश्वविद्यालय का यह सफर नई खोजों, पेटेंट, शोध और युवाओं को कामयाबी के क्षितित तक पहुंचाने की दृष्टि से एक कीर्तिमान बन गया है। इस दौरान टिहरी के गांव की छात्रा पूजा को 84.88 लाख रुपये के पैकेज पर प्लेसमेंट होने समेत उपलब्धियों की एक लम्बी सूची है। इस दौरान ग्राफिक एरा ने शहीदों के आश्रितों, जोशीमठ के आपदा पीड़ितों और सहायक कार्मिकों के बच्चों की निशुल्क शिक्षा के जरिये अपने सामाजिक दायित्वों का बाखूबी अहसास कराया है। कुलसचिव डॉ दिनेश कुमार जोशी ने उपाधि पाने वालों के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन पी ए आनंद ने किया।
इससे पहले भव्य अकादमिक शोभायात्रा निकाली गई। यह शोभायात्रा ओपन ऑडी से शुरु होकर समारोह स्थल पहुंची। इसमें राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह के साथ ही ग्राफिक एरा के संस्थापक अध्यक्ष डॉ कमल घनशाला, कुलपति डॉ संजय जसोला, कुलसचिव डॉ दिनेश कुमार जोशी, गवर्निंग कमेटी के सदस्य व यूकोस्ट के महानिदेशक डॉ दुर्गेश पंत, मैनेजमेंट बोर्ड के सदस्यों में डॉ सुभाष गुप्ता, डॉ विशाल सागर, कर्नल अनिल नायर (निदेशक भीमताल परिसर) व डॉ मनीष बिष्ट (निदेशक हल्द्वानी परिसर), एकेडमिक कॉंसिल के सदस्य डा एम के नौटियाल, डॉ व्रिंस विमल, डॉ नरदेव सिंह, डॉ कमल पंत, डॉ ज्योति छाबड़ा, डॉ अरविंद नेगी, प्रो. ए. क्यू. अंसारी, डॉ अमित मिश्रा, डॉ दिव्यांश बोरदोलोई और अन्य प्रोफेसर शामिल हुए। इससे पहले गवर्निंग बॉडी की बैठक में सदस्यों के रूप में डॉ चण्डी प्रसाद भट्ट, डा ए एन पुरोहित और नारवेकर भी शामिल हुए।
79 को गोल्ड व 75 को सिल्वर मेडल
ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के चौथे दीक्षांत समारोह में अपने कोर्स के टॉपर 79 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मैडल से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही 75 को सिल्वर मैडल और इतनो को ही ब्रांज मैडल दिये गये।
दीक्षांत समारोह में वर्ष 2023 और 2024 में कोर्स पूरा करने वाले 8245 छात्र छात्राओं को डिग्री दी गई। इनमें पीएचडी की डिग्री पाने वाले 17 युवा शामिल हैं। वर्ष 2023 की पीएचडी की डिग्री नौ युवाओं को और वर्ष 2024 की पीएचडी की डिग्री आठ युवाओं को मिली। वर्ष 2023 में गोल्ड मैडल पाने वालों में प्रियंका सुयाल, दीपक तिवारी, कमल कुमार कांडपाल, अभिषेक धस्माना, रागिनी राणा, निमिषा गैरोला, महविश जाकिर, दिव्या नौटियाल, राशि चौहान, आरती गैरोला समेत 40 छात्र और वर्ष 2024 में गोल्ड मैडल पाने वालों में नेहा सेठी, अंजलि जोशी, सिमरन राणा, दैविक मोहन, आर्यन, अनुष्का मिश्रा, तानिया शर्मा, सिमरन शर्मा, सौम्या रावत, आस्था ठाकुर, ऋषभ दुबे समेत 39 छात्र छात्राएं शामिल हैं।
वर्ष 2023 बैच के 863 छात्र छात्राओं को स्नातकोत्तर और 3055 को स्नातक उपाधि प्रदान की गई। 2024 बैच के 1346 युवाओं को स्नातकोत्तर व 2964 छात्र छात्राओं को स्नातक की डिग्री दी गई।
ग्राफिक एरा युग की आवश्यकताओं को प्राथमिकता दे रहा है
राज्यपाल लेफ्टिनेट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि ग्राफिक एरा का ग्राफ ऊपर जा रहा है और इस एरा (युग) की आवश्यकता को प्राथमिकताओं दे रहा है।
दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने कहा कि ग्राफिक एरा के संस्थापक डॉ कमल घनशाला हम सबके लिए आदर्श हैं। किस तरह उन्होंने सपना देखा, कर्म किया और खुद के साथ ही दूसरों को आगे बढ़ाया, ऐसा उदाहरण और ऐसी आत्मा जिसने कम्प्युटर साईंस को आत्मसात किया हो और संकल्प किया कि 40 हजार छात्र छात्राओं को चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करेंगे, एक बहुत बड़ा कार्य है। डॉ कमल घनशाला ने शिक्षा के क्षेत्र में एक अलग पहचान बनाई और फिर चिकित्सा के क्षेत्र में जाना, बहुत बड़ा कार्य है। वह आज भी कक्षाओं में पढ़ाते हैं, ये अनुपम है।
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