शीतकालीन पूजाएं शुरू होंगी
देवभोज का आयोजन किया
शीतकालीन गद्दीस्थल को फूलों से सजाया गया
अविकल उत्तराखंड
मक्कूमठ/उखीमठ( रूद्रप्रयाग)। प्रसिद्ध तृतीय केदार श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट बीते बुधवार 1 नवंबर पूर्वाह्न 11 बजे वैदिक मंत्रोचार एवं विधि विधान से शीतकाल हेतु बंद हो गये। चोपता, भनकुन पड़ावो के बाद 3 नंवंबर को श्री तुंगनाथ जी की देव डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर श्री तुंगनाथ जी की डोली के आगमन पर शाही भोज का आयोजन किया गया, जिसमें तीन हजार से अधिक श्रद्धालुजनो ने प्रसाद गृहण किया। बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि इस अवसर पर श्री मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ को 10 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। उल्लेखनीय है कि श्री तुंगनाथ जी के कपाट बंद होने के बाद श्री मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ में शीतकालीन पूजायें शुरू हो गयी है।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति सदस्य एवं वरिष्ठ तीर्थपुरोहित श्रीनिवास पोस्ती ने शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में श्री तुंगनाथ जी की देवडोली पहुंचने पर अगवानी की तथा डोली यात्रा का स्वागत किया।
इस अवसर पर मंदिर समिति मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, पूर्व मंदिर अधिकारी भूपेंद्र मैठाणी,आचार्य लंबोदर मैठाणी,मठापति रामप्रसाद मैठाणी, मंदिर प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, प्रशासनिक अधिकारी रमेश नेगी, प्रबंधक बलबीर नेगी, पुजारी प्रकाश मैठाणी, हरिबल्लभ मैठाणी एवं अन्य मैठाणी पुजारीगण, चंद्रमोहन बजवाल सहित हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे।
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