‘शब्दावली’ के तहत पुस्तकों के अनूठे विचारों पर गहन चर्चा हुई
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। हिंदी साहित्य सम्मेलन एवं राजभाषा पखवाड़े ‘शब्दावली’ के दूसरे दिन आज अनेक साहित्यिक कृतियों पर गहन चर्चा की गई।
शब्दावली के दूसरे दिन प्रख्यात लेखकों, कवियों, अनुवादकों और साहित्य प्रेमियों के बीच पुस्तकों और उनमें विद्यमान अनूठे विचारों पर गहन चर्चा हुई। आज की चर्चा में विचारों के शिल्पी: भगत सिंह का बौद्धिक ज्ञान, अंबर परियां, अमृतत्व की ओर, अखंडता के प्रतीक: गुरु नानक और सृजनशीलता का स्त्री विमर्श सरीखी पुस्तकें मुख्य रूप से शामिल की गईं।
ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी और वैली ऑफ वर्ड्स के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय शब्दावली के दूसरे दिन आज चर्चा के दौरान वरिष्ठ कवि लक्ष्मी शंकर बाजपेयी ने पुस्तक – विचारों के शिल्पी: भगत सिंह का बौद्धिक ज्ञान में भगत सिंह की सोच और दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला, जबकि डॉ. संजीव चोपड़ा ने पुस्तक के हवाले से भगत सिंह को एक विचारशील नेता कहा। अंबर परियां पुस्तक के अनुवादक सुबोध नीरव ने इस पुस्तक को जादुई यथार्थवाद का प्रमाण बताया, जबकि लेखक बलवंत सिंह ने कुछ रोचक प्रसंग साझा किए।
डीजीपी रह चुके अनिल रतूड़ी और डॉ. सुधा रानी पांडेय ने नए युग के संदर्भ में अमृतत्व की ओर पुस्तक के महत्व पर प्रकाश डाला। अखंडता के प्रतीक: गुरु नानक पुस्तक के लेखक अमरदीप सिंह ने गुरु नानक की शिक्षाओं, सुनने की कला और उनके जीवन के प्रेरणादायक पहलुओं पर चर्चा की।
शब्दावली के इस विचार मंथन में दिल्ली से सुबोध नीरव, ममता किरण, अंजुम शर्मा व उपासना, गोवा से रमिता गुरव, बरेली से प्रभात सिंह, अरुणाचल प्रदेश से ज़ोरम यालाम नाबाम, सिंगापुर के अमरदीप सिंह, भोपाल के निलेश रघुवंशी, देहरादून से डॉ. सुधा रानी पांडेय, बीना बेंजवाल, डॉ. संजीव चोपड़ा, सोमेश्वर पांडेय डॉ. सुशील उपाध्याय और रश्मि चोपड़ा भी शामिल हुए।
दूसरे सत्र में, इन लेखकों और विद्वानों के बीच इस पर विचार-विमर्श किया गया कि नई पीढ़ी को इन पुस्तकों से क्या सिखाया जा सकता है ।
इस अवसर पर ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. डॉ. संजय जसोला ने घोषणा की कि इन चर्चित पुस्तकों सहित और भी कई महत्वपूर्ण साहित्यिक कृतियों को विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में जोड़ा जाएगा, ताकि छात्र इनका अध्ययन कर सकें और उनसे प्रेरणा ले सकें। उन्होंने छात्र छात्राओं से पुस्तकों को पढ़ने और साहित्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का आग्रह किया।
शब्दावली की शाम रंगारंग कार्यक्रमों से गुलजार रही। टीम आईना ने एक नाट्य प्रस्तुत किया। प्रसिद्ध बांसुरी वादक सूरज कुमार ने बांसुरी वादन की प्रस्तुति दी।
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