आईसीएफआरई के शोध निष्कर्षों को अंतिम उपयोगकर्ता तक पहुंचाएं : भूपेंद्र यादव

आईसीएफआरई की वार्षिक आम बैठक

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद (आईसीएफआरई) की 31वीं वार्षिक आम बैठक सोमवार को आईसीएफआरई – वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तथा आईसीएफआरई सोसायटी के अध्यक्ष भूपेंद्र यादव ने की। इस अवसर पर महानिदेशक आईसीएफआरई एवं सोसायटी की सदस्य सचिव कंचन देवी ने केंद्रीय मंत्री का स्वागत किया।

बैठक में वर्ष 2023–24 की आईसीएफआरई वार्षिक रिपोर्ट एवं वार्षिक लेखा परीक्षित विवरण प्रस्तुत किए गए। इन पर चर्चा के उपरांत सोसायटी ने सर्वसम्मति से अनुमोदन किया, ताकि इन्हें संसद के दोनों सदनों में पटल पर रखा जा सके।

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने आईसीएफआरई के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि परिषद की तकनीकों और शोध निष्कर्षों को अंतिम उपयोगकर्ताओं तक पहुंचाना आवश्यक है, जिससे वानिकी क्षेत्र में सतत विकास को बढ़ावा मिल सके।

इस अवसर पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड पर आधारित वेब पोर्टल का शुभारंभ किया गया। साथ ही चार प्रकाशनों का विमोचन भी किया गया — कैसुरीना से कमाई: उच्च उपज देने वाली किस्में और नई खेती तकनीकें, आईसीएफआरई 2025–30 की विस्तार रणनीति, कम ज्ञात वनीय पौधों का संकलन: अंतर्दृष्टि और अवसर, तथा भारत की प्रमुख वृक्ष प्रजातियों के लिए प्रजनन योजनाएँ।

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