जिला बदर करने की कार्रवाई द्वेषपूर्ण, पुलिस कर रही कोर्ट का काम
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। आरटीआई एक्टिविस्ट व एडवोकेट विकेश नेगी को जिला बदर किये जाने के बाद अधिवक्ता उनके समर्थन में उतर आए हैं। वकीलों ने इस कार्रवाई की निंदा की और कहा कि पुलिस- प्रशासन ने यह कार्रवाई द्वेषपूर्ण तरीके से की है। विकेश को जिला बदर करने में कानून का सही तरीके से पालन नहीं किया गया।
गुरुवार को देहरादून के उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में अधिवक्ताओं ने एडवोकेट विकेश नेगी को जिला बदर करने की कार्रवाई की निंदा की।
वकीलों का कहना है कि इस मामले में पुलिस प्रशासन की कार्रवाई एकतरफा रही है। उन्होंने चिन्ता जतायी कि इस तरह की कार्रवाई से आम जनता के लिए भी खतरा हो सकता है कि भविष्य में किसी को भी पुलिस जब चाहे जिला बदर कर सकती है।
अधिवक्ताओं का कहना है कि विकेश नेगी पर कोर्ट में कोई अपराधिक केस नहीं है। जिला बदर के लिए आदतन अपराधी या समाज के लिए खतरा होने की बात कोर्ट में तय नहीं हुई। पुलिस की कहानी पर अधिवक्ताओं ने सवाल किया और कहा कि क्या पुलिस ही कोर्ट है?
कहा कि, पुलिस प्रशासन बताए कि विकेश नेगी समाज के लिए कैसे खतरा है? जिस जमीन पर सिविल कोर्ट में केस चल रहा है और स्टे है। उस जमीन के मालिक के एडवोकेट के तौर पर विकेश नेगी नियुक्त हैं। अधिवक्ताओं ने पुलिस से उस जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की है जिसके आधार पर विकेश नेगी को जिला बदर किया गया। अधिवक्ताओं ने कहा कि पुलिस ने अपना काम ठीक से नहीं किया।
अधिवक्ताओं ने चिन्ता जतायी कि विकेश नेगी का केस भविष्य में आम जनता के लिए भी खतरा बन सकता है कि पुलिस से मिलकर कोई भी किसी को भी जिला बदर करवा सकता है। उन्होंने कहा कि बार काउंसिल ने भी इस मामले में सरकार से जांच की मांग की है और हम भी उच्चस्तरीय जांच करने की मांग कर रहे हैं। अधिवक्ताओं ने मांग की है कि विकेश नेगी के जिला बदर को तुरंत निरस्त किया जाए। उन्होंने मांग कहा कि जांच करने वाले पुलिस अधिकारी और डीएम पर कार्रवाई होनी चाहिए।
इस अवसर पर अधिवक्ता अनु पंत आदि मौजूद थे।
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