नौकरी के बैकलॉग, पेंशन वृद्धि, बस यात्रा व भवन कर में छूट को लेकर मुख्य सचिव को भेजा पत्र
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। विश्व दिव्यांगजन दिवस पर राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ ने मुख्य सचिव से अपनी मांगों के हल की मांग की है।
संघ के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह भण्डारी व महासचिव पीताम्बर चौहान ने कहा कि दृष्टिहीनों के लिए एक प्रतिशत नौकरियों की गणना करते हुए बैकलॉग तैयार किया जाय। सीधी भर्ती एवं पदोन्नति में दिव्यांग आरक्षण रोस्टर प्रणाली प्रभावी ढंग से लागू की जाय।
संघ ने दिव्यांग पेन्शन को रुपए 1500/- से बढ़ाकर 2500/- मासिक की, बस यात्रा व भवन कर में छूट दी जाय।
संघ ने फर्जी चिकित्सा प्रमाण-पत्रों के आधार पर नौकरी करने वालों की जांच की जाय।
देखें मांग पत्र
1-सरकारी सेवाओं में राज्य स्थापना की तिथि अब तक हुई समस्त भर्तियों में दृष्टिहीनों के लिए एक प्रतिशत नौकरियों की गणना करते हुए बैकलॉग तैयार किया जाय तथा समस्त बैकलॉग को दृष्टिहीन व्यक्तियों से यथाशीघ्र भरा जाय । जैसा मा0 उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली में योजित सिविल अपील संख्या-9096/2013 में पारित निर्णय में दिया गया है।
2-सीधी भर्ती एवं पदोन्नति में दिव्यांग आरक्षण रोष्टर प्रणाली का प्रभावी ढंग से लागू किया जाय। किसी भी विभाग में इसका अनुपालन नही किया जा रहा है।
3- राज्य में सेवारत दृष्टिहीन अध्यापकों को उत्तर-प्रदेश एवं अन्य राज्यों की भांति वाचक भत्ता अनुमन्य किया जाय।
4- राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली दिव्यांग पेन्शन को रुपए 1500/- से बढ़ाकर 2500/- मासिक की जाय, यह बढ़ोत्तरी केवल दिव्यांग व्यक्तियों के लिए उनकी शारीरिक अक्षमताओं के आधार पर होने वाली परेशानियों के आधार पर की जाय ।
5- उत्तराखण्ड परिवहन निगम द्वारा संचालित साधारण बसों में दृष्टिहीनों एवं
दिव्यांगों को दी जा रही छूट को निगम द्वारा संचालित सभी श्रेणी की बसों में अनुमन्य किया जाय भले ही बसों की श्रेणी के हिसाब से किराए में छूट भी श्रेणी के हिसाब से अलग-अलग हो ।
6- दृष्टिहीनों/दिव्यांगों को भवन कर में उत्तर-प्रदेश की भांति शत-प्रतिशत छूट प्रदान की जाय।
7- प्रधानमंत्री आवास योजना एवं आयुष्मान योजना में दृष्टिहीनों को प्राथमिकता के आधार पर लाभान्वित किया जाय।
8- सरकारी सेवाओं में दिव्यांग कोटे में फर्जी चिकित्सा प्रमाण-पत्रों के आधार पर समस्त विभागों में नियुक्ति प्राप्त कर्मचारियों की मेडिकल बोर्ड से पुनः जांच कराकर फर्जी पाए जाने वाले कर्मचारियों के विरुद्द नियमानुसार कठोर कार्यवाही की जाय।
भविष्य में दिव्यांग कोटे में होनी वाली समस्त नियुक्तियों में नियुक्ति से पूर्व मेडिकल बोर्ड से जांच कराने के बाद ही कार्यभार ग्रहण कराया जाय।
9- राजस्व विभाग के अन्तर्गत सेवारत सहायक स्वागती एवं कुर्सी बुनकरों को राजस्व परिषद के पत्र संख्या: 1536/6-42/अधि0 (2018-19) दिनांक 13 जुलाई 2018 के अनुसार उनका स्थायीकरण किया जाय, ताकि भविष्य में उनको कोई आर्थिक हानि ना हो।
10- कार्मिक विभाग के दिव्यांगों के लिए 10 दिन के विशेष आकस्मिक अवकाश में छोटा सा संशोधन करते हुए अवकाश स्वीकृत करने का अधिकार विभागाध्यक्ष
के स्थान पर कार्यालय अध्यक्ष को अधिकार प्रदान किया जाय। शेष शर्ते यथावत रखी जाय।
11- राज्य दिव्यांगजन आयोग में आर पी डी एक्ट 2016 के अनुसार पूर्णकालिक आयुक्त की नियुक्ति की जाय तथा एक्ट के अनुसार प्रयाप्त कर्मचारियों की नियुक्ति भी शीघ्र की जाय ।
12- राज्य में समाज कल्याण निदेशालय से पृथक दिव्यांग कल्याण निदेशालय का
गठन किया जाय।
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