दूरदर्शन दून ने सांस्कृतिक संध्या के साथ मनाया 25वां स्थापना दिवस

रजत जयंती पर ‘कलादर्शनम’ में झलकी उत्तराखण्ड की लोक-संस्कृति

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और दूरदर्शन की गौरवमयी परंपरा के अद्भुत संगम के रूप में, दूरदर्शन केंद्र, देहरादून ने मंगलवार को अपना 25वां स्थापना दिवस संस्कृति विभाग के प्रेक्षागृह सभागार में भव्य सांस्कृतिक संध्या “कलादर्शनम” के रूप में मनाया।

कार्यक्रम में दूरदर्शन परिवार, दर्शक, विशिष्ट अतिथि और आमंत्रित कलाकारों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। पद्मश्री डॉ. माधुरी बड़थ्वाल, डॉ. बसंती बिष्ट, डॉ. बी.के.एस. संजय, कल्याण सिंह रावत ‘मैती’ और डॉ. प्रीतम भारतवाण विशेष रूप से उपस्थित रहे।

संध्या का शुभारंभ दीप प्रज्वलन व सरस्वती वंदना से हुआ। प्रसार भारती के क्लस्टर हेड एवं उपमहानिदेशक (अभियांत्रिकी) सुरेश कुमार मीणा ने स्वागत भाषण में दूरदर्शन देहरादून की यात्रा, उपलब्धियों और दर्शकों के सहयोग का आभार जताया।

शास्त्रीय संगीत में पंडित रोबिन करमाकर का राग देस में सितार वादन, सनव्वर अली खान व शाहरुख खान की ग़ज़ल प्रस्तुति ने समा बाँधा। लोक संस्कृति की छटा राहुल वर्मा (जौनसारी लोक नृत्य), योगंबर पोली (गढ़वाली लोक नृत्य) और मनोज सामंत (कुमाऊँनी लोक गीत) के माध्यम से बिखरी।

सभी कलाकारों को प्रशस्ति-पत्र और स्मृति चिह्न प्रदान किए गए। अंत में कार्यक्रम प्रमुख एवं सहायक निदेशक (कार्यक्रम) अनिल कुमार भारती ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

दूरदर्शन देहरादून की यह सांस्कृतिक संध्या न केवल उत्तराखण्ड की लोक-परंपराओं को पुनर्जीवित करने का प्रयास थी, बल्कि 25 वर्षों से दर्शकों तक सत्य, संस्कृति और सरसता पहुँचाने वाली विरासत का उत्सव भी रही।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *