पिता ने कहा,मेरे डॉक्टर बेटे की हत्या हुई
सांस की नली टूटी, गले में चोट के निशान, खराब सीसीटीवी पर उठे सवाल
अविकल उत्तराखंड
प्रयागराज। उत्तराखण्ड के कोटद्वार निवासी डॉ कार्तिकेय श्रीवास्तव की प्रयागराज में हुई मौत एक रहस्य बन गई है। डॉ के पिता प्रो के के श्रीवास्तव ने इस हत्या करार दिया है। बीते रविवार को डॉ कार्तिकेय का बेहद गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया।
29 सितंबर की शाम डॉ. कार्तिकेय श्रीवास्तव की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आई। पीएम रिपोर्ट के अनुसार, इसमें कार्तिकेय श्रीवास्तव के गले की मांसपेशियों में चोट के निशान पाए गए। सांस की नली भी टूटी है। ऐसे में हत्या या आत्महत्या का मामला स्पष्ट नहीं हो रहा है। उनके पिता प्रो. कृष्ण कुमार श्रीवास्तव अपने इकलौते बेटे की मौत को हत्या बता रहे हैं।
गौरतलब है किवप्रयागराज के मीडिया ने अस्पताल परिसर में सीसीटीवी खराब होने को भी प्रमुख मुद्दा बनाया हुआ है। एक से अधिक सीसीटीवी एक साथ कैसे खराब हुए,यह भी कई संदेह पैदा कर रहा है।
मर्डर या आत्महत्या में उलझी गुत्थी
प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में मिली डॉक्टर कार्तिकेय श्रीवास्तव की डेडबॉडी का मामला मर्डर और सुसाइड में उलझता दिखाई दे रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, गले की मांसपेशियों में चोट के निशान पाए गए हैं। सांस की नली भी टूटी पाई गई है।
उत्तराखंड के कोटद्वार के रहने वाले 29 वर्षीय डॉक्टर कार्तिकेय श्रीवास्तव शनिवार देर रात एसआरएन अस्पताल के परिसर में खड़ी अपनी कार के अंदर मृत पाए गए। पुलिस को कार के अंदर एक सिरिंज और एनेस्थीसिया की दो शीशियां मिलीं।
डीसीपी, गंगा नगर अभिषेक भारती ने बताया कि कार्तिकेय को उनके सहकर्मियों ने कार के अंदर बेहोशी की हालत में देखा और उन्हें आईसीयू में ले जाया गया। डीसीपी भारती ने कहा कि जब उन्हें होश में नहीं लाया जा सका तो उनके सहकर्मियों ने पुलिस को सूचना दी। उनके हाथ पर सूई का निशान था।
डॉक्टर कार्तिकेय के सहकर्मियों ने पुलिस को बताया कि वह कुछ समय से उदास थे। कार्तिकेय ऑर्थोपेडिक विभाग में जूनियर रेजिडेंट के रूप में काम कर रहे थे। प्रयागराज के जॉर्जटाउन इलाके में अपने माता-पिता के साथ एक फ्लैट में रहते थे। उन्हें शनिवार सुबह ऑपरेशन थियेटर में देखा गया। सहकर्मियों ने पुलिस को यह भी बताया कि कार्तिकेय के पैर में समस्या थी और वह लंबे समय तक खड़े नहीं रह पाते थे।
हालांकि, इस मामले में परिवार वालों ने हत्या का आरोप लगाया है। कार्तिकेय के पिता ने बताया कि सुबह वो बहन को छोड़ने स्टेशन भी गए थे। हम लोग भी साथ थे।
उनका कहना है कि कार्तिकेय घर आने की बात कहकर गए। सवाल करते हैं कि वह सुसाइड कैसे कर सकते हैं?
हालांकि, पुलिस सुसाइड और हत्या दोनों पहलुओं पर जांच कर रही है।
डॉक्टर की लाश 28 सितंबर को देर रात डॉ. कार्तिकेय अपनी कार में मृत पाए गए। रात में उनके कुछ साथियों की नजर एसआईसी ऑफिस के पास खड़ी कार (HR26 DF 2434) पर पड़ी। वहां जाकर देखा तो वह अंदर अचेत थे। कार का गेट भी लॉक नहीं था। पुलिस को कार में से एनेस्थीसिया के इंजेक्शन मिले थे।
कोटद्वार के निवासी डॉ. कार्तिकेय श्रीवास्तव उत्तराखंड के कोटद्वार के अपर कालाबढ़ के निवासी थे। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में जूनियर रेजिडेंट-2 थे।
शनिवार को सुबह करीब 8 बजे वह अस्पताल की ओटी में पहुंचे थे। उन्होंने अपने जूनियर से कहा था कि मेरे हाथ में वीगो लगा दो। इंजेक्शन बाद में लेंगे। वीगो लगाने के बाद वह सीधे ओटी से निकल गए। दिन भर उनका कोई पता नहीं चला। ओटी के साथ दूसरे साथी उनसे संपर्क करने का प्रयास करते रहे लेकिन, मोबाइल पर संपर्क नहीं हो सका। बाद में उनका शव पाया गया। (NBT)
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