उनियाल जैसा संघर्ष एक समर्पित व्यक्ति ही कर सकता है-कोश्यारी
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। डॉ प्रभाकर उनियाल की प्रथम पुण्यतिथि पर ‘स्मृति किरण’ पुस्तक का विमोचन किया गया। इस पुस्तक में विभिन्न कहानियों, अनुसंधान कार्य, कविताएं और विचार प्रेरित लेखों का है। शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम का आरंभ मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड एवं पूर्व राज्यपाल महाराष्ट्र भगत सिंह कोश्यारी,मुख्य वक्ता के रूप में क्षेत्रीय प्रचारक प्रमुख जगदीश , अध्यक्ष के रूप में विश्व संवाद केंद्र के सुरेंद्र मित्तल ,विशिष्ट अतिथि के रूप में सांसद राज्य सभा नरेश बंसल एवं क्षेत्र समरसता प्रमुख लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
मुख्य अतिथि भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि श्रीमति उनियाल अपने पूरे परिवार के साथ डॉ प्रभाकर उनियाल के दिखाए पथ पर चल रही है। मधुकर उनियाल ने पुस्तक का संक्षिप्त विवरण दिया। पुस्तक में अपने संस्मरण लिखने वाले व्यक्तियों डॉ अतुल शर्मा, बी पी ममगाईं,कमला पंत, एम आर सकलानी, जी एस रैना, रोशन लाल अग्रवाल, जुन्नयाली पांथरी को सम्मानित किया गया।
लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल एवं नरेश बंसल ने डॉक्टर प्रभाकर उनियाल से जुड़े संस्मरण का उल्लेख किया। जगदीश ने कहा कि डॉ प्रभाकर उनियाल जैसे कार्यकर्ताओं की वजह से ही संगठन आगे बढ़ा है। सुरेंद्र मित्तल ने कहा कि व्यक्ति संसार से तो चला जाता है पर उसका साहित्य हमेशा जीवित रहता है। कार्यक्रम के अंत में विनोद उनियाल द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया। इससे पूर्व, विनय पांथरी, अरुण जुयाल, मधुकर उनियाल द्वारा मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया गया।
कार्यक्रम में जे एम एस संगीत अकादमी के छात्र, छात्राओं ने रामधुन प्रस्तुत की, निवान उनियाल द्वारा श्लोक उच्चारण किया गया। कार्यक्रम का संचालन बलदेव पाराशर एवं प्राची जुयाल द्वारा किया गया। कार्यक्रम में भाजपा महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, निधि पांथरी, विजय स्नेही, जी एस रैना, एम आर सकलानी,सीता पांथरी, बी आर जुयाल, बी के शर्मा, शिवप्रसाद ममंगाई, प्रतिभा अत्री,कमला पंत , रीता गोयल ,रचना उनियाल, घनश्याम अग्रवाल,पुनीत मित्तल, योगेश अग्रवाल, एस एस कोठियाल, मधु मरवाह,विनोद बहुगुणा, विशाल गुप्ता,रोहन चन्देल आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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