रानीचौरी के कृषि एवं वानिकी विश्वविद्यालय की योजनाओं का निरीक्षण किया
अविकल उत्तराखंड
टिहरी। राजकीय महाविद्यालय, खाड़ी में चल रहे देवभूमि उद्यमिता योजना (डीयूवाई) के 12 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत छात्र-छात्राओ ने कृषि एवं वानिकी विश्वविद्यालय, रानीचौरी परिसर का दौरा किया।
इस भ्रमण का उद्देश्य छात्रों को व्यावसायिक और व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना था, जिससे वे भविष्य में स्वरोजगार और उद्यमिता की ओर प्रेरित हो सकें।
रानीचौरी स्थित विश्वविद्यालय परिसर में विद्यार्थियों को फूड प्रोसेसिंग और मशरूम उत्पादन से संबंधित विविध जानकारियाँ दी गईं। फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग की सहायक प्राध्यापक एकता बेलवाल एवं अनिल भट्ट द्वारा छात्रों को फलों के एक्सट्रैक्ट निकालने, जूस तैयार करने तथा अन्य उत्पादों की प्रोसेसिंग की तकनीकी जानकारी दी गई। इस सत्र में छात्र-छात्राओं ने फूड प्रोसेसिंग की संपूर्ण प्रक्रिया को प्रत्यक्ष रूप से देखा और समझा।
मशरूम उत्पादन से स्वरोजगार की ओर बढ़ते कदम
मशरूम विशेषज्ञ उदय सिंह नेगी द्वारा मशरूम उत्पादन की तकनीक, प्रजातियाँ (जैसे बटन, ऑयस्टर, ढिंगरी मशरूम), उत्पादन की विधियाँ, बीज चयन, अनुकूल पर्यावरण, और विपणन रणनीतियों पर विशेष व्याख्यान दिया गया। उन्होंने बताया कि कैसे मशरूम उत्पादन ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार और विशेष रूप से महिला सशक्तिकरण का सशक्त माध्यम बन सकता है।
इस शैक्षिक भ्रमण में महाविद्यालय की नोडल अधिकारी मीना, डॉ. संगीता बिजल्वाण जोशी, डॉ. अभिषेक पवार, दीपक तथा पंकज उपस्थित रहे। शिक्षकों और विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में संपन्न इस भ्रमण से छात्र-छात्राओं को कृषि और वानिकी क्षेत्र में रोजगार और उद्यमिता की संभावनाओं को करीब से समझने का अवसर मिला।
उल्लेखनीय है कि देवभूमि उद्यमिता योजना, उच्च शिक्षा विभाग उत्तराखंड सरकार की एक पहल है, जिसे भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (ईडीआईआई), अहमदाबाद द्वारा राज्य में लागू किया जा रहा है। योजना का उद्देश्य राज्य के युवाओं को उद्यमशीलता कौशल से सशक्त बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करना है।

