अविकल उत्तराखंड
देहरादून। दून पुस्तकालय व शोध केन्द्र की ओर से आज पूर्वाह्न 10ः30 बजे को पर्यावरण दिवस के अवसर पर यहां विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए एक निबंध व भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न युवा पाठकों ने अलग-अलग रुप से निबंध लेखन व भाषण प्रतियोगिता में भाग लिया। प्रतियोगिता की भाषा का माध्यम हिन्दी व अंग्रेजी दोनों में रखा गया था। इस प्रतियोगिता में सभी प्रतिभागियों को उनके वरीयतानुसार अंकों की जानकारी दी गई। साथ ही सभी प्रतिभागियों को यथाशीघ्र प्रतिभागिता प्रमाणपत्र दिये जायेंगे।
निबंध के लिए निर्धारित शब्द संख्या 600-800 के मध्य रखी गयी थी। जबकि भाषण के लिए हर प्रतिभागी को बोलने के लिए 5 मिनट का समय दिया गया। इस प्रतियोगिता के लिए तीन विषय निर्धारित किये गये थे।
- पर्यापरण व विकास का सहअस्तित्व हो सकता है और होना ही चाहिए, अगर हम सुरक्षित भविष्य चाहते हैं।दोनों पहलू परस्पर सहयोगी विचार हैं, विरोधी नहीं।
- भारत जैसे विकासशील देश के लिए हमारी प्राथमिकता गरीबी को मिटाना और लोगों का जीवनस्तर उठाना होना होगा। सिर्फ वहनीय विकास (सस्टेनबल डेवलपमैंट) करना हमारे हित में नहीं होगा।
- जलवायु परिवर्तन से निबटने के लिए एक नयी सोच व विकास-एजेण्डा की जरूरत है।
पुराने तरीके व सभाधान अब वैध नहीं हैं।
निबंध व भाषण प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले सभी युवा पाठकों को वरीयता क्रमानुसार अंको की जानकारी दी गई। इस प्रतियोगिता में निर्णायक के तौर पर प्रकृति प्रेमी अजय शर्मा, पर्यावरण कार्यकर्ता अनीस लाल और सामाजिक कार्यकर्ता अनूप बडोला तथा ज्ञान विज्ञान समिति के संयोजक विजय भट्ट मौजूद रहे।
कार्यक्रम का संचालन बिजू नेगी ने किया। इस अवसर पर रेणुका वेदपाठी, सुंदर सिंह बिष्ट, चंद्रशेखर तिवारी के साथ ही प्रतियोगिता में भाग लेने वाले युवा पाठक सहित पुस्तकालय के अन्य सदस्य उपस्थित थे।
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