भाकपा (माले) ने उठाए सवाल
नियुक्तियों में गड़बड़ियों और नियमों की अनदेखी की जांच की मांग
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओमप्रकाश सिंह नेगी के कार्यकाल को लेकर भाकपा (माले) ने राज्यपाल से शिकायत की है। पार्टी के राज्य सचिव इन्द्रेश मैखुरी ने राज्यपाल को भेजे पत्र में आरोप लगाया कि प्रो. नेगी अधिवर्षिता आयु (65 वर्ष) पूरी कर लेने के बाद भी नियमों के खिलाफ कुलपति पद पर बने हुए हैं।
पत्र में कहा गया कि प्रो. नेगी एसएसजे विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा से 2023 में सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इसके बावजूद उन्हें उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में कुलपति पद पर सेवा विस्तार दे दिया गया, जबकि राज्यपाल के सचिव ने अप्रैल 2023 में ही पत्र भेजकर उन्हें सूचित किया था कि उनकी सेवा 16 जुलाई 2023 को अधिवर्षिता के कारण समाप्त हो जाएगी।
मैखुरी ने सवाल उठाया कि एक ही व्यक्ति को अधिवर्षिता पूरी होने के बाद भी विशेष सेवा विस्तार क्यों दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रो. नेगी के कार्यकाल के दौरान विश्वविद्यालय में नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं। वर्ष 2021 में तत्कालीन राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने खुद स्वीकार किया था कि उनकी जानकारी के बिना विश्वविद्यालय में 56 नियुक्तियां कर दी गईं। इन नियुक्तियों में आरक्षण रोस्टर की अनदेखी, अनुसूचित जाति/जनजाति और महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों से छेड़छाड़ जैसे गंभीर आरोप लगे हैं, जिन पर मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।
भाकपा (माले) ने मांग की है कि प्रो. नेगी की नियुक्ति तत्काल रद्द की जाए, सेवा विस्तार की जांच कराई जाए और उनके पूरे कार्यकाल की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।

