अविकल उत्तराखंड
ऋषिकेश। एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने कहा कि अस्पताल में इलाज के दौरान प्रत्येक रोगी को सुरक्षित और सम्मानजनक देखभाल मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दवा त्रुटियों, फार्माकोविजिलेंस और रोगी सुरक्षा के स्वास्थ्य देखभाल से संबन्धित अन्य सभी पहलुओं, संक्रमण, घटना और रिपोर्टिंग के बारे में विस्तृत चर्चा किए जाने की आवश्यकता है।
एम्स ऋषिकेश में आयोजित ह रोगी सुरक्षा दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ।. मीनू सिंह ने कहा कि विभिन्न सुरक्षा घटकों जैसे दवा त्रुटियों, स्वास्थ्य देखभाल से जुड़े संक्रमण, विकिरण त्रुटियों, असुरक्षित इंजेक्शन, नैदानिक त्रुटियों और रोगी सुरक्षा से संबंधित अन्य बिंदुओं पर ध्यान देने की बात कही। उन्होंने उच्च जोखिम वाली दवाओं और दवाओं की लेबलिंग आदि के बारे में भी लोगों को जागरूक किया।
अतिथि वक्ता के रूप में दिल्ली एम्स अस्पताल प्रशासन के एडिशनल प्रो. डाॅ. विजयदीप सिद्धार्थ ने कहा कि रोगी के उपचार के दौरान मेडिकली स्तर पर पूर्ण गुणवत्ता बरतने से ही रोगी की सम्पूर्ण सुरक्षा हो सकती है। ज्ञानवर्धक सत्र में रोगियों को अपनी देखभाल में सक्रिय रूप से संलग्न करने, रोगी सुरक्षा ढांचे का लाभ उठाने और डब्ल्यूएचओ के रोगी सुरक्षा समाधानों से लाभ उठाने के महत्व को रेखांकित किया गया। कार्यक्रम को डीन एकेडेमिक प्रो. जया चतुर्वेदी और चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर संजीव कुमार मित्तल ने भी संबोधित किया।
उधर, दूसरी ओर इस अवसर पर कई अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। अलग-अलग स्थानों पर हुए आयोजनों में सोशल आउटरीच कम्युनिटी सेंटर चंद्रेश्वरनगर, ऋषिकेश और पीएचसी थानों तथा रायवाला में सूचित सहमति और रोगी सहभागिता की महत्वपूर्ण भूमिका विषय पर नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही एम्स ऋषिकेश के आईपीडी और ओपीडी क्षेत्रों को कवर करते हुए रोल प्ले के साथ एक इन्फो-वॉक का आयोजन भी किया गया। ए.एन.एस. श्रीकांत देसाई के मार्गदर्शन में आयोजित नुक्कड़ नाटक के दौरान अंतर्राष्ट्रीय रोगी सुरक्षा लक्ष्यों (आईपीएसजी) के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए परिदृश्यों का प्रदर्शन कर रोगियों और उनके तीमारदारों को उनके स्वास्थ्य देखभाल निर्णयों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
रोगी और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों को समझने के लिए इनोवेशन प्रपोजल प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य रोगी और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा में सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियों का व्यावहारिक समाधान खोजने में रचनात्मकता, सहयोग और नवाचार को बढ़ावा देना था। इस प्रतियोगिता में निक्कू वार्ड की नर्सिंग अधिकारी सुश्री एरा दीपिका दयाल, गायनी विभाग की प्रोफेसर डाॅ. अनुपमा बहादुर और श्री एल्विन टी. वर्गीस ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार जीते। वाॅल पेंटिंग प्रतियोगिता में कार्डियोलाॅजी विभाग की नर्सिंग अधिकारी प्रदीपा वर्मा विजेता रहीं।
कार्यक्रम के दौरान चेयरपर्सन क्वालिटी डॉ. मीनाक्षी धर, कार्यक्रम समन्वयक डाॅ. पूजा भदौरिया, मुख्य नर्सिग अधिकारी रीटा शर्मा, डीएनएस कल्पना बेनीवाल व वंदना सहित डाॅ. रजनीश अरोड़ा, डाॅ. कविता खोईवाल, ए.एन.एस सोनिया रानी सहित कई डीएनएस, एएनएस और नर्सिंग अधिकारी मौजूद रहे।
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