टूटती सांसों को मिला सहारा, हाई रिस्क सर्जरी सफल

हिमालयन अस्पताल में एक साथ दो वाल्व बदले

अविकल उत्तराखंड

डोईवाला। हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट के कार्डियक सर्जरी विभाग ने गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे एक रोगी की हाई रिस्क सर्जरी कर उसे नया जीवन दिया। सफल ऑपरेशन के बाद रोगी पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुका है।

कार्डियक सर्जन डॉ. अक्षय चौहान ने बताया कि राकेश पंवार, निवासी टिहरी गढ़वाल लंबे समय से हृदय की गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। जांच में सामने आया कि उनके हृदय के दो वाल्व खराब हो चुके हैं और वे किडनी रोग से भी ग्रसित हैं। इसके अतिरिक्त वे साइनस ऑफ वाल्सल्वा एन्यूरिज्म (दिल की बड़ी धमनी का फूल जाना) के मरीज भी थे, जो अत्यंत जोखिमपूर्ण स्थिति है।
डॉ. चौहान ने बताया कि मरीज को सर्जरी ही एकमात्र विकल्प था, लेकिन इसमें एन्यूरिज्म फटने और जान जाने का खतरा भी था।

परिजनों की सहमति के बाद मरीज को भर्ती कर सभी जरूरी जांचें पूरी की गईं। लगभग 6 घंटे चली इस जटिल सर्जरी में रोगी के दो वाल्व बदले गए और अमेरिका के मायो क्लीनिक में सीखी तकनीक से एन्यूरिज्म को भी सफलतापूर्वक ठीक किया गया।

ऑपरेशन के बाद मरीज को कुछ दिनों तक आईसीयू में रखा गया और हर दूसरे दिन डायलिसिस कराया गया। पूरी टीम की देखरेख और समर्पण से रोगी की स्थिति धीरे-धीरे स्थिर हुई।

इस सफलता में सीनियर कार्डियक एनेस्थेटिस्ट डॉ. संजय सिंह, डॉ. पूजा आहूजा, सीनियर कार्डियक सर्जन डॉ. भावना सिंह, नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. विकास चंदेल, डॉ. पारितोष, डॉ. अंकुर, संजय थपलियाल, प्रमोद सिंह, सुनील कुमार गुप्ता और सीटीवीएस ओटी टीम का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

अस्पताल में की गई निशुल्क कार्डियक सर्जरी
मरीज ने बताया कि उसके छोटे बच्चें हैं और वह अपने परिवार में अकेला कमाने वाला व्यक्ति है। बहुत से अस्पतालों में पता करने के बाद वह हिमालयन अस्पताल में आया जहाँ उसका आयुष्मान योजना के अन्तर्गत मुफ्त में ईलाज किया गया।

हिमालयन अस्पताल उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाओं का केंद्र
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना ने कहा कि हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट का कार्डियक सर्जरी विभाग अत्याधुनिक तकनीक और अनुभवी चिकित्सकों के माध्यम से उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि आसपास के राज्यों के मरीजों को भी उच्च स्तरीय सेवाएं प्रदान कर रहा है। यह सफल सर्जरी एक बार फिर अस्पताल की चिकित्सा क्षमता का प्रमाण है।

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