सोलर फार्मिंग की चुनौतियों पर मंथन
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। ग्राफिक एरा में आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञों ने सोलर फार्मिंग की चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्न तरीकों पर मंथन किया।
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में सोलर फार्मिंग को बढ़ावा देने सम्बन्धी नीतियों पर आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए कुलपति डा. नरपिन्दर सिंह ने कहा कि सोलर फार्मिंग को स्थापित करने की लागत बहुत ज्यादा है। इससे उत्पन्न होने वाली बिजली की अनियमितता, मजबूत संरचना व उसे स्थापित करने के लिए जगह की उपलब्धता और इससे उत्पन्न होने वाला कचरा इसकी मुख्य समस्याएं हैं। उन्होंने इन समस्याओं के निदान के लिए विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
कार्यशाला में इण्डियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट््यूट, नई दिल्ली के वैज्ञानिक डा. डी. के. सिंह ने सोलर पीवी तकनीक और जीआईजैड, नई दिल्ली के वरिष्ठ एनर्जी स्पेशलिस्ट अभिषेक दलाल ने सोलर वाॅटर पंपिंग पर छात्र-छात्राओं को जानकारी दी। इस दौरान वेस्ट वाॅटर ट्रीटमेण्ट पर प्रेजेन्टेशन के लिए श्वेता को बेस्ट प्रेजेन्टर का पुरूस्कार दिया गया। बेस्ट पोस्टर की श्रेणी में नित्या व अनन्या सामुहिक रूप से प्रथम स्थान पर रहे। कार्यशाला का संचालन डा. भारती शर्मा ने किया।
कार्यशाला का आयोजन ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के ’सेन्टर आॅफ एक्सिलेन्स फॅार क्लिन एनर्जी’ और ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के स्कूल आॅफ एग्रीकल्चर ने नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ सोलर एनर्जी, नेशनल सोलर एनर्जी फेडेरेशन आॅफ इण्डिया और जीआईजैड के सहयोग से किया। कार्यशाला में संयोजक डा. बी. एस. नेगी, आयोजन सचिव डीन (प्रोजेक्ट्स) डा. प्रदीप कुमार शर्मा, विभिन्न विभागों के एचओडी, शिक्षक-शिक्षिकाएं, पीएचडी स्काॅलर और छात्र-छात्राएं भी मौजूद रहे।
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