हरेला पर्व थीम- पर्यावरण की रखवाली, घर-घर हरियाली, लाये समृद्धि और खुशहाली’
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। हरेला पर्व के अन्तर्गत व्यापक राजकीय प्रयासों एवं जनसहभागिता के माध्यम से प्रत्येक जनपद में वृहद वृक्षारोपण किया जाने हेतु इस वर्ष हरेला पर्व की थीम ‘पर्यावरण की रखवाली, घर-घर हरियाली, लाये समृद्धि और खुशहाली’ रखी गई है।
डीएम सोनिका ने जानकारी देते हुए बताया कि इस पर्व / अभियान के आयोजन हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय सभी सम्बन्धित विभागों, वन विभाग, कृषि, जलागम, शहरी विकास, आवास, ग्राम्य विकास, उद्योग, पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों की एक आयोजन समिति का गठन किया गया है।
समिति में जिलाधिकारी अध्यक्ष, प्रभागीय वनाधिकारी सदस्य सचिव तथा मुख्य विकास अधिकारी, नगर आयुक्त, देहरादून, परियोजना निदेशक, डीआरडीए, जिला विकास अधिकारी, अधीक्षण अभियन्ता, एम०डी०डी०ए०, मुख्य कृषि अधिकारी, मुख्य उद्यान अधिकारी, महाप्रबन्धक, जिला उद्योग केन्द्र, जिला पंचायतराज अधिकारी, समिति के सदस्य बनाये गए है।
जनपद स्तरीय समिति द्वारा सार्वजनिक स्थानों जैसे स्थापित हरेला वनों, नदियों के किनारे, क्रिटकल नदी/गाड़ गदेरे, विद्यालय/कालेज परिसरों, विभागीय परिसरों, सिटी पार्क, आवासीय परिसरों (विकास प्राधिकरणों एवं आर०डब्लू०ए० के सहयोग से) आदि स्थलों को पौधारोपण हेतु चयनित किया जाना प्रस्तावित है।
हरेला पर्व पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों, विद्यार्थियों, स्थानीय निकायों / संस्थानों/जिला विकास प्राधिकरणों / आर० डब्लू०ए०/एन०जी०ओ०/वन पंचायतें तथा जनमानस की सहभागिता से वृहद वृक्षारोपण किया जायेगा।
उन्होंने निर्देशित किया कि सभी क्रियान्वयन विभागों के साथ-साथ आर्मी / कैन्ट, आई०टी०बी०पी०,एन०सी०सी०, होमगार्ड, पी०आर०डी०, एस०एच०जी० के साथ convergence के द्वारा कार्यक्रमों का आयोजन कराया जाना है। इस वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम का शुभारम्भ / समापन कार्यक्रमों में मा० जनप्रतिनिधियों की गरिमामयी उपस्थिति सुनिश्चित की जायेगी, साथ ही कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले ग्रामसभा/ग्राम पंचायत के सदस्यों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया जायेगा।
जनप्रतिनिधियों, विद्यालयी छात्रों, स्थानीय निकायों / संस्थाओं तथा जनमानस की सहभागिता से वृहद वृक्षारोपण किया जायेगा।
इस हेतु जनपद स्तर पर प्रभागीय वनाधिकारी को निःशुल्क पौध वितरण के लिए नोडल अधिकारी नामित किया गया है। स्थानीय निकायों / संस्थाओं, विद्यालयों, जनप्रतिनिधियों एवं स्वयं सेवी संस्थाओं को निःशुल्क पौध वितरण की अधिकतम सीमा जनपद स्तरीय समिति द्वारा जनपद में पौध की उपलब्धता को दृष्टिगत रखते हुए निर्धारित की जायेगी।
हरेला पर्व के अन्तर्गत मुख्य रूप से फलदार प्रजाति के 50 प्रतिशत एवं चारा प्रजाति के पौधों को रोपित किया जायेगा और इनका रखरखाव सम्बन्धित विभाग, स्थानीय ग्रामीणों, सम्बन्धित लाभार्थियों वन पंचायतों, महिला / युवा मंगल दलों के माध्यम से कराया जाय।
हरेला पर्व के अन्तर्गत आयोजित होने वाले कार्यक्रमों का वृहद प्रचार-प्रसार सभी संभव माध्यमों से किया जायेगा ताकि आम जनमानस में वन एंव वन्य जीवों के संरक्षण संवर्द्धन हेतु जन जागरूकता वृद्धि कर आगामी वर्षों में इस कार्यक्रम को एक स्वप्रेरणा से अभियान के रूप में क्रियान्वन किया जा सके।
हरेला कार्यक्रम के दौरान सम्बन्धित विभागों द्वारा दो पौध प्रति परिवार के अनुसार पौध उपलब्ध कराये जाने हेतु सम्बन्धित जनपद स्तरीय विभागीय अधिकारी जिम्मेदार होंगे। कार्यक्रम के प्रथम तीन दिवसों 50 प्रतिशत् पौध रोपित किया जाना प्रस्तावित है।
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