यूएसडीएमए के एसीईओ तथा डीआईजी राज नेगी ने किया संबोधित
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी की ओर से आयोजित प्रशिक्षण जारी
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी की ओर से फस्र्ट एड को लेकर आयोजित कार्यशाला के दूसरे दिन प्रतिभागियों को फर्स्ट एड के विभिन्न वैज्ञानिक पहलुओं से रूबरू कराया गया। प्रशिक्षण ले रहे उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मास्टर ट्रेनर और अग्निशमन विभाग के फायर कार्मिकों ने मानव डमी के माध्यम से फर्स्ट एड की सही तकनीकों को सीखा।
बुधवार को प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी व डीआईजी राज कुमार नेगी ने कहा कि फर्स्ट एड की जानकारी यदि हर किसी को होगी तो कई लोगों के अनमोल जीवन को बचाया जा सकता है। प्रत्येक गांव में, स्कूल-काॅलेज, दफ्तर में कुछ लोगों को भी फर्स्ट एड की जानकारी होगी तो वे कई लोगों के जीवन को बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी इमरजेंसी में गोल्डन आवर बहुत जरूरी होता है और यदि फर्स्ट एड प्रदाता ने सूझबूझ के साथ काम किया तो पीड़ित को बड़ी राहत मिल सकती है।
मास्टर टेनर भारतीय रेड क्रास सोसाइटी हरीश शर्मा ने विस्तार से बताया कि फर्स्ट एड किस तरह से दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यदि कहीं पर कोई बड़ी दुर्घटना हो तो सबसे पहले उसे फर्स्ट एड दिया जाए, जिसकी हालत सबसे ज्यादा खराब हो। उन्होंने इसके लिए विभिन्न प्रकार की कलर कोडिंग के बारे में जानकारी दी।
प्रशिक्षक रविंद्र मोहन काला ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में स्वच्छता को लेकर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि फर्स्ट एड सहयता के दौरान यह जरूरी है कि उचित स्वच्छता बनाई जाए। यदि इसका ध्यान नहीं रखा जाएगा तो यह पीड़ित या घायल व्यक्ति के साथ ही सहायता देने वाले के लिए भी खतरनाक हो सकता है। उन्होंने आपदाग्रस्त क्षेत्रों में जहां पीने के लिए शुद्ध पानी न हो, वहां पानी को शुद्ध और पीने योग्य बनाने के उपायों के बारे में बताया।
भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी उत्तराखंड ब्रांच के अध्यक्ष कुंदन सिंह टोलिया ने सभी प्रतिभागियों से अपील की कि वे फर्स्ट एड की मुहिम को जन-जन तक पहुंचाएं और हर घर में एक फर्स्ट एड प्रशिक्षक हो, इस संकल्प की दिशा में आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि फर्स्ट एड प्रदाता को स्वयं भी शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहना जरूरी है, इसलिए सबसे पहले वे स्वयं को स्वस्थ और मानसिक रूप से मजबूत रखें। इस मौके पर यूएसडीएमए की प्रशिक्षण विशेषज्ञ जेसिका टैरोन, मुंशी चैमवाल, राजवीर सिंह, जगमोहन सिंह, नवीन चंद्र, आलोक वर्मा, लक्ष्मी, विनीत चौहान, नैंसी, धीरेंद्र सिंह, अरुण गौड़, काजल, अनुज कुमार आदि मौजूद थे।
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