शीतकालीन चारधाम यात्रा के प्रचार प्रसार में जुटी सरकार

पर्यटन विभाग ने 70 लाख रुपये किए स्वीकृत

तीन जिलों में विकसित होंगी नई व्यवस्थाएं

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। शीतकालीन चारधाम यात्रा को सुरक्षित, सुगम और प्रभावी रूप से संचालित करने के लिए उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के अनुरूप पर्यटन सचिव धीरज सिंह गर्ब्याल ने उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों को कुल ₹70 लाख की धनराशि स्वीकृत की है।

यह राशि शीतकालीन यात्रा मार्ग पर तीर्थयात्रियों के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना, सुविधाओं के विस्तार और सुरक्षा प्रबंधन के सुदृढ़ीकरण पर खर्च की जाएगी।

जिलोंवार स्वीकृत राशि—

उत्तरकाशी – ₹25 लाख

चमोली – ₹25 लाख

रुद्रप्रयाग – ₹20 लाख

मुख्य प्रावधान

पेयजल, शौचालय, रेन शेल्टर, लाइटिंग, साइनेज और कंट्रोल रूम जैसी सुविधाओं का विस्तार।

सुरक्षा, मेडिकल-रिस्पॉन्स और आपदा प्रबंधन को मजबूत करने के विशेष प्रावधान।

तीनों जिलों को स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार अभियान

राज्य सरकार शीतकालीन चारधाम यात्रा को पूरे भारत में विशेष प्रचार अभियान के माध्यम से वर्षभर चलने वाले आध्यात्मिक पर्व के रूप में स्थापित कर रही है।

अभियान के उद्देश्य:

शीतकालीन चारधाम यात्रा को अखिल भारतीय आध्यात्मिक उत्सव के रूप में पहचान दिलाना।

देशभर के श्रद्धालुओं तक सुरक्षा, सुविधाओं और यात्रा व्यवस्थाओं की जानकारी पहुँचाना।

उत्तराखंड को “Year-Round Religious Tourism Destination” के रूप में ब्रांड करना।

डिजिटल, प्रिंट, टीवी और सोशल मीडिया पर व्यापक प्रचार-प्रसार।

पर्यटन सचिव ने बताया कि इस पहल से स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे और सुरक्षित, पर्यावरण-अनुकूल धार्मिक पर्यटन का मॉडल विकसित होगा।

उन्होंने कहा कि यह प्रयास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाइब्रेंट विलेज विज़न और उत्तराखंड को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी बनाने के लक्ष्य के अनुरूप है, साथ ही मुख्यमंत्री के विंटर टूरिज़्म हब के सपने को भी गति देगा।

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