बद्रीनाथ में मास्टर प्लान कार्य से हिंदूओं के साथ अन्याय कर रही सरकार- मंत्री प्रसाद नैथानी

बोले, हिंदूवादी सरकार बद्रीनाथ में हिंदुओं के घर उजाड़ने पर तुली

पंडा समाज व स्थानीय लोगों के पुर्नवास और मुआवजा की कोई बात नहीं कर रही सरकार

अंकिता भंडारी केस को सरकार नेस्तनाबूद करने का कुचक्र रच रही

अविकल उत्तराखंड 

देहरादून। उत्तराखंड सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि बद्रीनाथ में सरकार ने मास्टर प्लान के तहत कार्य किया जा रहा है, उसमें सरकार द्वारा स्थानीय लोगों एवं पंडा समाज के हक-हकूकों के साथ अन्याय कर रही है। सरकार बिना मुआवजा एवं पुर्नवास किए बैगर ही लोगों के घर उजाड़ने पर तुली है। हिंदुवादी की बात करने वाली सरकार ही आज हिंदुओं के साथ भेदभाव कर रही है। लोगों का धरना भी चल रहा है, किंतु सरकार से लेकर कोई प्रशासनिक नुमाइंदा लोगों की बात सुनने नहीं जा रहा है। कहा कि सेना भर्ती समाप्त कर आज सरकार ने बेरोजगारों के लिए अग्निवीर योजना निकालकर रोजगार के लिए बेरोजगारों को अग्नि परीक्षा के लिए छोड़ दिया।
प्रेस को जारी बयान में पूर्व शिक्षा मंत्री, मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि बद्रीनाथ में मास्टर प्लान के चक्कर में लोगों पर जबरदस्ती रजिस्ट्री करने का दबाव बनाया जा रहा है, जो नहीं करा रहा है उसका घर तोड़ना शुरु कर दिया जा रहा है।

नैथानी ने कहा कि केन्द्र व राज्य में बैठी हिंदूवादी सरकार आज लोगों के समुख बेनकाब हो रही है। कहा कि जोशीमठ में सरकार जो बाईपास बनाने की बात कह रही है, उससे नर्सिंग भगवान के दर्शन किये बैगर ही भक्तों की आस्था व बद्रीनाथ यात्रा की वैदिक परम्परा व संस्कृति का समाप्त करने में तुली है। नैथानी ने कहा कि अंकिता भंडारी केस में सरकार आरोपियों को बचाने के साथ ही उक्त केस को नेस्तनाबूद करने का कुचक्र रच रही है। अंकिता बिटिया के माता-पिता पर जिस तरह से दबाव व धमकियां मिल रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार जो भू-अध्यादेश में संसोधन करने के लिए तैयार नहीं है, उससे उत्तराखंड की जमीन पर भू-माफियो खुर्द-बुर्द करने लग जायेगे, जिससे अपराध बढ़ेगे। कहा कि प्रदेश में जहां-जहां दैवीय आपदा आयी वहां प्रशासन का तहसीलदार तक नहीं पहुंचा है, मुआवजा तो दूर की बात है। देवप्रयाग में रेलवे के कार्यो में आज तक स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिला है यहां तक की मुआवजा के लिए भी लोग भटक रहे है। कहा कि सरकार विभिन्न विभागों में ई-टेंडरिंग की बात करती है, किंतु ई-टेंडर में आज नियमों का खुला उल्लंघन हो रहा है। जब तक सरकार के लोगों को काम नहीं मिल जाता है, तब तक टेंडर बार-बार निरस्त किये जा रहे है। टेंडर और खनन के नाम पर खुलकर भ्रष्टाचार हो रहा है।

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