उपनलकर्मियों की मांगें हल करे सरकार-कांग्रेस

आमरण अनशन तोड़ा, क्रमिक अनशन शुरू

उपनल कर्मियों का आंदोलन चौथे दिन भी जारी

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। समान कार्य समान वेतन और नियमितीकरण की मांग को लेकर उपनल कर्मचारियों का आंदोलन लगातार जोर पकड़ता जा रहा है। परेड ग्राउंड में जारी यह धरना गुरुवार को चौथे दिन भी जारी रहा।
इस बीच, तीसरे दिन से आमरण अनशन पर बैठे महेश चंद्र भट्ट और योगेश बडोनी का अनशन कांग्रेस नेता डॉ हरक सिंह रावत ने जूस पिलाकर समाप्त कराया। अब धरना स्थल।पर क्रमिक अनशन शुरू कर दिया गया है।

कांग्रेस सहित कई संगठनों ने उपनल कर्मियों को अपना समर्थन दिया और सरकार से उनकी मांगों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की।
धरना स्थल पर पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरक सिंह रावत, सूर्यकांत धस्माना, ज्योति रौतेला, स्वामी दर्शन भारती, प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रदीप सिंह चौहान, संगठन मंत्री भूपेश नेगी, वाहन चालक संघ के प्रदेश महामंत्री अजय डबराल, महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष मीना रौथान, जिला कार्यकारी अध्यक्ष अजय देव और महामंत्री रमेश डोभाल समेत सैकड़ों कर्मचारी उपस्थित रहे। कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत ने कहा कि उपनल कर्मचारी वर्षों से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार कोर्ट के आदेशों और मुख्यमंत्री की घोषणाओं का पालन नहीं कर रही है। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि यदि जल्द समाधान नहीं निकाला गया तो कांग्रेस सड़क से सदन तक उपनल कर्मियों की आवाज बुलंद करेगी।
उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश संयोजक विनोद गोदियाल ने कहा कि सरकार केवल समितियां बनाकर कर्मचारियों को बरगलाने का काम कर रही है। आठ माह पूर्व बनी मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति अब तक कर्मचारियों के आंकड़े तक नहीं जुटा पाई है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेशों के बाद भी कर्मचारियों को सेवा से बाहर किया जा रहा है। महासंघ के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष महेश भट्ट ने कहा कि उपनल कर्मी 15-20 वर्षों से कम वेतन में अपनी निष्ठा के साथ काम कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनके भविष्य को लेकर गंभीर नहीं है।
प्रदेश संयोजक हरीश कोठारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में समान कार्य समान वेतन और नियमितीकरण का आदेश दिया था, लेकिन सरकार ने एसएलपी दायर कर टालमटोल की नीति अपनाई। वर्ष 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की एसएलपी खारिज कर दी, फिर भी आदेशों का पालन नहीं हुआ। प्रदेश महामंत्री विनय प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री ने ‘तीन साल बेमिसालÓ कार्यक्रम में नियमितीकरण की घोषणा की थी, लेकिन उस पर अब तक अमल नहीं हुआ, जिसके कारण कर्मचारी हड़ताल को मजबूर हैं।

अगर सरकार नहीं चेती, तो कांग्रेस सड़कों पर उतरेगी
धरना स्थल पर पहुंचे कांग्रेस नेताओं ने कहा कि उपनल कर्मचारियों के साथ अन्याय अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार को चाहिए कि वह कर्मचारियों की पीड़ा को समझे और उनकी जायज मांगों पर तत्काल निर्णय ले। कांग्रेस ने भरोसा दिलाया कि पार्टी उनकी हर कानूनी और नैतिक लड़ाई में साथ खड़ी रहेगी।

कर्मचारियों की प्रमुख मांगें: स्थायित्व और सम्मान की गूंज
राज्य के हजारों उपनल कर्मचारी समान कार्य के बदले समान वेतन और सेवा नियमितीकरण की मांग को लेकर वर्षों से संघर्षरत हैं। उनका कहना है कि वे स्थायी कर्मचारियों की तरह ही काम करते हैं, लेकिन उन्हें वेतन, सुविधा और सुरक्षा के स्तर पर भेदभाव का सामना करना पड़ता है। धरना स्थल पर उपस्थित कर्मचारियों ने कहा कि वे अब आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस निर्णय चाहते हैं। कई कर्मचारियों ने बताया कि अस्थायी स्थिति के कारण उनके परिवार आर्थिक असुरक्षा में जी रहे हैं और अब यह आंदोलन उनके अस्तित्व की लड़ाई बन चुका है।

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