लोक संस्कृति की झलक से सजा मेला
अविकल उत्तराखंड
चौबट्टाखाल/एकेश्वर। बैशाख महीने में लगने वाले दो दिवसीय प्रसिद्ध एकेश्वर कौथिग का सोमवार को विधिवत शुभारंभ हुआ। मेले की शुरुआत मनोकामना सिद्धपीठ एकेश्वर महादेव की पूजा-अर्चना के साथ की गई।
मुख्य अतिथि जिला पंचायत सदस्य आरती नेगी ने दीप प्रज्जवलित कर मेले का उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा कि “हमारा प्रयास लोक संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण का होना चाहिए। ऐसे आयोजनों से नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जुड़ने और समझने का अवसर मिलता है।”
मेले के पहले दिन 40 ग्राम सभाओं की महिला मंगल दलों और स्वयं सहायता समूहों के साथ-साथ राजकीय इंटर कॉलेज एकेश्वर के छात्र-छात्राओं ने पारंपरिक लोक नृत्य व सांस्कृतिक झांकियां प्रस्तुत कीं। पारंपरिक परिधानों में सजी-धजी झांकियों और लोक नृत्य प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ, जिसमें निर्णायक की भूमिका आशीष नेगी, नरेश सुंदरियाल, सरिता जोशी और मनोज भट्ट ने निभाई।

इस अवसर पर मेला समिति अध्यक्ष नरेंद्र सिंह नेगी, व्यापार मंडल अध्यक्ष सुनील रावत, मंदिर समिति अध्यक्ष कुलदीप किशोर जोशी, प्रकाश जदली, पंकज पोखरियाल, तेजपाल सिंह पंवार, अशोक पुंडीर और हरीश बडोला समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन गणेश खुगशाल ‘गणी’ ने किया।
छिलबट ने हंसाया, जागर गायिका करासी और सौरभ मैठाणी देंगे समापन प्रस्तुति
मेले के पहले दिन हास्य कलाकार संदीप छिलबट ने अपनी चुटीली शैली और व्यंग्य से दर्शकों को जमकर गुदगुदाया। उन्होंने पहाड़ में व्याप्त कुरीतियों पर तीखे कटाक्ष करते हुए लोगों को मनोरंजन के साथ-साथ सोचने पर मजबूर किया।
मेले के दूसरे और अंतिम दिन, 15 अप्रैल को प्रसिद्ध जागर गायिका हेमा नेगी करासी और लोक गायक सौरभ मैठाणी की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी। इन प्रस्तुतियों के साथ दो दिवसीय एकेश्वर कौथिग का समापन होगा।

