देहरादून। ग्राफिक एरा अस्पताल के चिकित्सकों ने हृदय रोग शिविर में चार हार्ट के वाल्व बदल दिए। ये वाल्व टीएवीआई प्रक्रिया से बदले गए हैं। शिविर में आए हृदय रोग के कुछ मामलों में ओपन हार्ट सर्जरी मुमकिन नहीं थी। विशेषज्ञों ने ट्रांस कैथेटर एओर्टिक वाल्व इंप्लांटेशन प्रक्रिया से क्षतिग्रस्त वॉल्व को नए वॉल्व से बदल दिया। ये वॉल्व जानवर के टिशु से बनाए जाते हैं।
विशेषज्ञों ने बताया कि ग्राफिक एरा अस्पताल को उत्तराखंड में कम समय में सबसे ज्यादा वाल्व बदलने की कामयाबी मिली है। ग्राफिक एरा के विशेषज्ञों में डॉ. अखिलेश पांडे, डॉ. राज प्रताप सिंह, डॉ. हिमांशु राणा, डॉ. पुलकित मल्होत्रा और डॉ. एस. पी. गौतम की टीम शामिल है।
इससे पहले ग्राफिक एरा अस्पताल के विशेषज्ञ 325 से ज्यादा रोगियों की ओपन हार्ट सर्जरी और 75 से ज्यादा बच्चों की पीडियाट्रिक डिवाइस क्लोजर प्रोसीजर से जान बचा चुके हैं। इसमें एक वर्ष से कम उम्र के शिशु भी शामिल हैं। ग्राफिक एरा अस्पताल में एक महीने से कम उम्र के बच्चों के विकास के लिए पीडियाट्रिक इंटरवेंशन की सेवा भी उपलब्ध कराई जा रही है।
अस्पताल में लगे हार्ट डिजीज कैंप में 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को हृदय रोग विशेषज्ञ परामर्श, ईसीजी, एको व टीएमटी की सेवाएं परीक्षण के साथ ही निशुल्क दी जा रही है।
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