गांवों में अलख जगाने पहुंचा ग्राफिक एरा

पेंडुला गांव में सिखाये संचारी रोगों से बचाव के तरीके

अविकल उत्तराखंड/ कीर्तिनगर। ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी ने पेण्डुला गांव में जागरुकता सम्मेलन का आयोजन करके ग्रामीणों को संक्रामक रोगों से बचे रहने के तरीके सिखाये। यूकोस्ट के सहयोग से आयोजित इस सम्मेलन में विशेषज्ञों ने कहा कि बीमारी के चपेट में आकर कष्ट उठाने से बेहतर है कि कुछ सावधानियां बरत कर रोगों से दूर रहा जाए। इस अवसर पर आयोजित शिविर में 60 से अधिक ग्रामीणों का परीक्षण करके उन्हें दवाएं दी गईं। जागरुकता सम्मेलन में ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के जर्नलिज्म के प्रोफेसर व निदेशक (अवस्थापना) डॉ सुभाष गुप्ता ने ग्राफिक एरा की उपलब्धियों, एक के बाद एक शानदार कीर्तिमानों और सामाजिक सरोकारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ग्राफिक एरा युवाओं को बेहतरीन प्रोफेशनल शिक्षा के साथ ही संस्कारों और मानवीय संवेदनाओं से भी जोड़ता है।

यही का परिणाम है कि ग्राफिक एरा के अधिकांश छात्र-छात्राओं को डिग्री मिलने से पहले ही देश विदेश की विख्यात कम्पनियों में ऊंचे पैकेज पर प्लेसमेंट मिल जाते हैं। ग्राफिक एरा का नेतृत्व करने वाले डॉ कमल घनशाला आज भी कक्षाएं पढ़ाने वाले ऐसे शिक्षक हैं जो छात्रों को हीरे की तरह तराश कर खुशियों की सौगात देते हैं। वे पहाड़ के दुख दर्द के प्रति बहुत संवेदनशील हैं और आपदा की हर घड़ी में मदद के लिए खुद आगे आते हैं। डॉ गुप्ता ने कहा कि चार धाम यात्रा मार्ग पर कारोबार करने और रहने वालों को हर तरह के संक्रमण से बचाना बहुत महत्वपूर्ण है। इन्हें संक्रमण से बचाकर गांव कस्बे और दूसरे यात्रियों को भी सुरक्षित रखा जा सकता है।

डॉ रचित गर्ग ने कोविड काल के अनुभव सुनाते हुए कहा कि किसी भी संक्रामक रोग से पीड़ित व्यक्ति के सम्पर्क में आने पर डरने की नहीं बल्कि सावधानियां बरतने की जरूरत है। हर किसी नये व्यक्ति से मुलाकात में कुछ दूरी रखना, गलब्स इस्तेमाल करना और हर लेनदेन के बाद हाथ सैनिटाइज करना जरूरी है। ग्राफिक एरा अस्पताल देहरादून से आये डॉ मुकुल चौहान ने ग्रामीणों को संक्रमण से बचने के लिए बार बार हाथ धोने और किसी के सम्पर्क में आने से पहले मास्क लगाने का सुझाव दिया। डॉ मारिशा पंवार, ग्राफिक एरा अस्पताल देहरादून के डॉ रोहित शर्मा और ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ हिमानी बिंजोला ने हेप्पेटाइटिस, मंकी पॉक्स, डेंगू, खसरा, बर्ड फ्लू और वायरस के जरिये फैलने वाले रोगों बचने के उपायों पर प्रकाश डाला।

सम्मेलन के बाद ग्राफिक एरा के डॉक्टरों की टीम ने ग्रामीणों के स्वास्थ्य का परीक्षण करके 60 से ज्यादा लोगों को विभिन्न रोगों के उपचार के लिए दवाएं दी गईं। जागरुकता सम्मेलन में पेंडुला, पाव अकरी, सैण, बंकोला, पिपोला, अडेनी आदि गांवों के लोग शामिल हुए। सम्मेलन में सभी ग्रामीणों को संक्रमण से बचाव के लिए ग्राफिक एरा अस्पताल की ओर से एक-एक किट भेंट की गई। सम्मेलन का आयोजन ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी ने उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिक परिषद (यूकोस्ट) के सहयोग से किया। सम्मेलन के आयोजन में ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी की डॉ विदुषि नेगी और ग्राफिक एरा डीम्ड यूनवर्सिटी के कालेज ऑफ नर्सिंग के वाइस प्रिंसिपल अकबर नवाज ने सक्रिय भूमिका निभाई।

पेण्डुला के ग्राम प्रधान सुनय कुकसाल, सामाजिक कार्यकर्ता आशाराम ममगांई और पाव अकरी गांव के चंद्रमणि पोखरियाल ने ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी और यूकोस्ट का सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में जागरुकता सम्मेलन के आयोजन, रोगियों के निशुल्क उपचार और संक्रमण से बचाव के लिए किट देने पर आभार व्यक्त किया। ग्राफिक एरा की टीम ने आज दुगड्डा बाजार समेत यात्रा मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर यात्रियों के सीधे सम्पर्क में आने वाले जवानों और कारोबारियों को संक्रमण से बचाव के लिए किट भेंट की।

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