हर सूचना प्राप्त करने के लिये समन न जारी करें जी.एस.टी. अधिकारी

व्यापारियों से नोटिसों व पत्राचार में होना चाहिये डिन/आरएफ एन अंकित

जी.एस.टी. अधिकारियों पर लागू हों मुख्यालय के कड़े निर्देश

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। हर सूचना प्राप्त करने के लिये समन जारी न करने तथा व्यापारियों से पत्राचार में डिन/आर एफ एन नम्बर जारी करने सहित विभिन्न निर्देश व्यापारी शोषण तथा भ्रष्टाचार की संभावनाओं को कम करने के लिये केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड तथा राज्य कर विभाग ने अधिकारियों के लिये लागू कर रखे हैं। यह खुलासा सूचना अधिकार के अन्तर्गत राज्य कर मुख्यालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ है।

काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड द्वारा समन तथा व्यापारियों से पत्राचार व नोटिसों के सम्बन्ध में जारी निर्देशों को राज्य कर विभाग में लागू कराने के समबन्ध में सूचना आयुक्त राज्य कर कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी से मांगी थी। इसके उत्तर में उपायुक्त/लोक सूचनाधिकारी प्रीति मनराल ने राज्य कर आयुक्त डा. अहमद इकबाल द्वारा जारी निर्देश पत्रांक 4840 दिनांक 17 नवम्बर 2022 तथा 1297 दिनांक 30 मई 2023 की सत्यापित फोटो प्रति उपलब्ध करायी है।

श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा जी.एस.टी. समन के सम्बन्ध में जारी निर्देश 503/2022-23 दिनांक 17 अगस्त 2022 के समान ही निर्देश आयुक्त कर उत्तराखंड द्वारा पत्रांक 4840 दिनांक 17 नवम्बर 2022 से लागू किये गये हैं। इसी प्रकार बोर्ड के परिपत्र संख्या 122/41/2019 के जी.एस.टी पत्र व्यवहार में डिन के प्रयोग सम्बन्धी निर्देशों के समान निर्देश पत्रांक 1297 दिनांक 30 मई 2023 से लागू किये गये हैं।

पत्रांक 4840 में दिये गये निर्देशों के अनुसार जी.एस.टी. अधिनियम की धारा 70(1) के अन्तर्गत समन जारी करने की शक्ति का प्रयोग विवेक पूर्व और सम्यक विचार करते हुये किया जाना चाहिये। जहां समन के अतिरिक्त अन्य प्रावधानों के अन्तर्गत सूचना प्राप्त की जा सकती है वहां इन प्रावधानों के अन्तर्गत कार्यवाही की जानी चाहिये। जी.एस.टी. पोर्टल पर डिजिटली/आॅन लाइन उपलब्ध वैधानिक दस्तावेजों की प्राप्ति हेतु समन जारी करने से बचना चाहिये। किसी कम्पनी या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में उच्चाधिकारियों को तभी समन जारी करने चाहिये जब जांच में यह स्पष्ट संकेत हो कि जिस निर्णय में राजस्व क्षति हुई हो, ऐसा निर्णय लेने में वह सम्मलित रहे हैं।

उक्त निर्देशों में समन देकर बुलाकर स्चयं गायब होने वाले अधिकारियों के सम्बन्ध में भी यह निर्देश दिया गया है कि समन मेें निर्धारित दिनांक व समय पर जारीकर्ता अधिकारी को उपस्थित होना चाहिये। अनुपस्थिति की दशा में जिस व्यक्ति को समन किया गया है, उसे अग्रिम रूप से लिखित या मौखिक रूप से सूचित किया जाना चाहिये। इसके अतिरिक्त ऐसी महिला जो परंपरा स्वरूप सार्वजनिक रूप से उपस्थित नहीं हो सकती अथवा सी पी. सी की धारा 132 व 133 के अन्तर्गत विशेषाधिकार प्राप्त व्यक्तियों की छूट को भी समन जारी करने में ध्यान में रखा जाना चाहिये। समन के मामले व सम्बन्धित दस्तावेजों तथा अभियुक्त/गवाह किस रूप से उसे बुलाया गया है, स्पष्ट लिखित होना चाहिये।

पत्रांक 1297 के निर्देशों में स्पष्ट हैे कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में राज्य कर प्राधिकारियों द्वारा दस्तावेज संदर्भ संख्या (आर एफ एन) जारी करने और करदाता को इनके सत्यापन की सुविधा जी.एस.टी.एन (पोर्टल) द्वारा प्रदान की गयी है। करदाताओं को संसूचित किये जाने वाले विभिन्न दस्तावेजोिं प्रपत्र जैसे नोटिस/आदेश जी.एस.टी. पोर्टल के माध्यम से जनित किये जाते है उनमें डिन/दस्तावेज पहचान संख्या/आर एफ एन (संदर्भ संख्या) होता है। कर दाताओं के साथ किये जाने वाले आॅफ लाइन पत्राचार के लिये भी आर एफ एन जेनरेट करने के निर्देश दिये गये हैं ताकि पोर्टल से इसका सत्यापन किया जा सके तथा फर्जी तथा अनावश्यक नोटिस देकर व्यापारियों के अवैध शोषण पर रोक लग सके।

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