बिना संरक्षण के हरिद्वार भूमि घोटाला सम्भव नहीं- हरीश रावत

हरिद्वार भूमि घोटाले की सीबीआई जांच की मांग

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हरिद्वार भूमि घोटाला कोई एकांगी मामला नहीं है, बल्कि 100-150 एकड़ भूमि का दुरूपयोग हुआ है, जिसे बिना राजनीतिक संरक्षण के संभव नहीं माना जा सकता।

उन्होंने बताया कि यह मामला सिर्फ हरिद्वार तक सीमित नहीं, बल्कि देहरादून, हल्द्वानी और रुद्रपुर सहित अन्य जगहों पर भी भूमि घोटाले के कई चर्चित मामले हैं।

उन्होंने इस प्रकरण की सीबीआई से उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की। साथ ही कहा कि निलंबित अधिकारियों का निलंबन भी जल्द वापस हो जाएगा, जो केवल दिखावा है।

हरीश रावत ने देहरादून में बन रही एलिवेटेड रोड के अधिग्रहण पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 2016 से पूर्व बसे लोगों को सरकार ने मालिकाना हक दिया था, जबकि 2016 के बाद बसे लोगों को मुआवजा मिलना चाहिए। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि उसने विकेंद्रीकरण के नाम पर लोगों को मालिकाना हक से वंचित रखा और सरकारी आतंक के तहत लोगों को उजाड़ा जा रहा है। मुख्यमंत्री धामी से स्पष्टता की मांग की।

पंचायत चुनाव पर हरीश रावत का निशाना: सरकार की मंशा पर उठाए सवाल

हरीश रावत ने पंचायत चुनाव को लेकर भी सरकार पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा ही चुनाव कराने की नहीं है, इसलिए नगर निकायों में प्रशासक नियुक्त किए गए हैं। पंचायत चुनाव में अनावश्यक रूप से प्रशासकों की नियुक्ति राज्य में संवैधानिक संकट को जन्म दे रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि संवैधानिक चूक के लिए जिम्मेदारों को दंडित किया जाना चाहिए।

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