सीएमओ रमोला ने बुधवार को गांधी अस्पताल में मारा था छापा
डॉक्टर स्वाति व डॉक्टर रीना कोठियाल ने पत्र लिखा, गड़े मुर्दे भी उखाड़े, कहा, गहरी मानसिक यंत्रणा व सदमे से गुजर रहे
अविकल उत्तराखण्ड ब्यूरो
देहरादून के सीएमओ डॉक्टर बी सी रमोला के आकस्मिक छापे में गैरहाजिर दर्शायी गई दो महिला चिकित्सक खुल कर मैदान में उतर गई है।
दोनों महिला चिकित्सक डॉक्टर स्वाति शर्मा और डॉक्टर रीना कोठियाल ने सीएमओ के छापे को खुली चुनौती देते हुए कहा कि उनके साथ अन्याय व उत्पीड़न हुआ है।
प्रमुख अधीक्षक को लिखे पत्र में गाँधी चिकित्सालय में तैनात डॉक्टर स्वाति शर्मा ने कहा कि बुधवार (22 जुलाई 2020) को उनकी ड्यूटी कोरोनेशन अस्पताल में लगाई गई थी। उनकी ड्यूटी सीएमओ कार्यालय से ही लगी थी।
वह कोरोनेशन अस्पताल में ड्यूटी कर रही थी। जबकि बुधवार को सीएमओ डॉक्टर रमोला ने सुबह 9 बजे गांधी अस्पताल के निरीक्षण में उन्हें गैर हाजिर दर्शा दिया। इससे वह गहरे सदमे में है।
पत्र में आगे लिखती हैं कि इस आशय की खबर प्रमुख अखबारों में भी छपी। इसकी वजह से उनकी छवि भी धूमिल हुई। इसके अलावा पूरे परिवार को मानसिक कष्ट पहुंचा।
इसके अलावा डॉक्टर रीना कोठियाल ने भी लिखे पत्र में अपने साथ पूर्व में हुए अन्याय का भी जिक्र किया है। डॉक्टर कोठियाल ने कहा कि उनकी ड्यूटी बुधवार को दोपहर 2 बजे से थी।जबकि सीएमओ ने सुबह 9 बजे गांधी अस्पताल के दौरे में उन्हें भी गैरहाजिर दर्शा दिया। इसके कारण उनको गहरे मानसिक कष्ट से गुजरना पड़ रहा है।
दोनों चिकित्सकों के लंबे चौड़े पत्र में मामले की जांच के अलावा कोविड 19 की डयूटी व कई अन्य पूर्व में घटित मुद्दों का भी विस्तार से जिक्र किया गया है। अखबार में नाम छपने से एक महिला चिकित्सक के घर में काफी हंगामा भी हुआ। पति ने अखबार में देखा कि उनकी पत्नी भी ड्यूटी पर नही थी तो काफी सवाल जवाब हुए बाद में सच्चाई का पता लगने से स्थिति काबू में आयी।
दोनों महिला चिकित्सकों ने अखबारों से भी स्पष्टीकरण छापने की पुरजोर मांग की है। ऐसा नही करने पर अखबारों पर मानहानि का मुकदमा करने की भी चेतावनी दी है।
गौरतलब है कि बुधवार को सीएमओ ने रजिस्टर में कुल छह स्वास्थ्यकर्मियों को अनुपस्थित दिखाया था। सभी से तीन दिन के अंदर जवाब देने को कहा था।
बहरहाल, मुख्यमंत्री के फिजीशियन डॉक्टर एन एस बिष्ट के स्वस्थ्याग्रह के ठीक अगले दिन ही सीएमओ रमोला ने गांधी अस्पताल में छापा मारा। डॉक्टर बिष्ट को दिए गए लिखित आश्वासन में यह साफ लिखा था कि सीएमओ डॉक्टर रमोला का गांधी अस्पताल में कोई हस्तक्षेप नही होगा। लेकिन इस छापे से डॉक्टर रमोला ने भी अपने प्रभाव को दिखाया। हालांकि, दोनों नाराज महिला चिकित्सकों के रजिस्टर में गैरहाजिर दर्शाने पर समूचा प्रकरण नया मोड़ लेता दिख रहा है। अगर सीएमओ के छापे में गलती पायी गयी तो मामला बहुत तूल पकड़ जाएगा।
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जस राजा तस प्रजा।
आभार
गजब प्रकरण ।
यदि महिला चिकित्सकों की बात सही है तो अस्पताल के इंचार्ज को CMO को सही जानकारी देनी चाहिए थी , अखबारों के रिपोर्टर्स को भी खबर छापने से पहले cross check करना चाहिए था । ंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंं
अखबार पर भी गुस्सा हैं महिला चिकित्सक