लालढांग–चिल्लरखाल मोटर मार्ग पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

क्षेत्रीय जनता का आंदोलन से सुखद परिणाम सामने आने की उम्मीद

वन विभाग पूरी तरह प्रतिबद्ध, मुख्यमंत्री धामी स्वयं रख रहे हैं प्रकरण पर नजर

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। कोटद्वार-चिल्लारखल मोटर मार्ग के निर्णाण को लेकर जारी आंदोलन के बेहतर परिणाम सामने आने की उम्मीद जग गयी है।

लंबे समय से लंबित लालढांग–चिल्लरखाल मोटर मार्ग के निर्माण को लेकर उत्तराखंड बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम कंडवाल ने मंगलवार को सचिवालय में वन एवं पर्यावरण विभाग के सचिव आर.के. सुधांशु से मुलाकात की।

प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु ने बताया कि वन विभाग इस महत्वपूर्ण सड़क निर्माण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और मामले में सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरवी की जा रही है। उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से लालढांग–चिल्लरखाल मोटर मार्ग के पक्ष में इंटरवेंशन एप्लीकेशन दाखिल की जा चुकी है तथा आज (19 नवंबर 2025) भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई निर्धारित है।

उन्होंने कहा कि मार्ग निर्माण से जुड़ी अधिकांश आपत्तियां और बाधाएं दूर कर दी गई हैं। अब केवल सर्वोच्च न्यायालय के अंतिम आदेश की प्रतीक्षा है। आदेश मिलते ही सड़क निर्माण कार्य तुरंत शुरू कर दिया जाएगा। प्रमुख सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं इस प्रकरण पर लगातार नजर रखे हुए हैं और सुप्रीम कोर्ट की हर सुनवाई की जानकारी लेते हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही विभाग मामले को तेजी से आगे बढ़ा रहा है।

गौरतलब है कि इस मार्ग के लिए लम्बे समय से कोटद्वार की जनता सड़कों पर उतरी हुई है। इस मुद्दे पर दिल्ली व दून तक आंदोलनकारी पैदल यात्रा कर चुके हैं।

आंदोलनकारी जनता कोटद्वार विधायक ऋतु खण्डूड़ी को लेकर गहरे आक्रोश में नजर आ रहे हैं।

उत्तराखंड बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम कंडवाल ने कहा कि इस मार्ग के निर्माण से क्षेत्र में विकास को नई गति मिलेगी और रोजगार के व्यापक अवसर उपलब्ध होंगे।

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