देखें, केदारनाथ यात्रा मार्ग पर राहत-बचाव कार्य जारी
1600 यात्री सुरक्षित निकाले गए
मुख्यमंत्री स्वयं ले रहे पल-पल की जानकारी
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। रुद्रप्रयाग जिले में बीती रात हुई अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए राहत और बचाव कार्य तड़के छह बजे से युद्धस्तर पर जारी है। आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग के सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि दोपहर 3:30 बजे तक केदारनाथ धाम की ओर जाने वाले 1600 यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। अब तक किसी प्रकार की जनहानि या पशुहानि की सूचना नहीं है, जो राहत की बात है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री लगातार सचिव आपदा प्रबंधन से संपर्क में हैं और पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने राहत व बचाव कार्यों को त्वरित गति से संचालित करने और यात्रियों व स्थानीय ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
बीती रात एक बजे से चार बजे के बीच रुद्रप्रयाग तहसील के ग्राम चमेली, रूमसी, चमरारा तोक और विजयनगर क्षेत्र में सौड़ी गदेरे और बेडू बगड़ नाले में भारी मलबा व पानी आने से कुछ भवनों, गौशालाओं, शौचालयों और संपर्क मार्गों को नुकसान पहुंचा है। लगभग 8-10 भवनों में मलबा घुसा है।
घटना की जानकारी मिलते ही राहत दलों को सक्रिय किया गया और आपदा प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, स्वास्थ्य, राजस्व व लोक निर्माण विभाग की टीमें राहत कार्यों में जुट गईं। जेसीबी व अन्य मशीनों की सहायता से मलबा हटाने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य जारी है। स्थानीय प्रशासन द्वारा राहत शिविर स्थापित कर भोजन, चिकित्सा और आवास की व्यवस्था की गई है।
वहीं, सुबह 4 बजे के आसपास गौरीकुंड में घोड़ापड़ाव से 50 मीटर की दूरी पर केदारनाथ यात्रा मार्ग पर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में भारी मलबा और पत्थर गिरने की सूचना मिली, जिस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए वैकल्पिक मार्ग बनाकर यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया। अब तक 1600 यात्री सुरक्षित निकाले जा चुके हैं, जबकि 700 अन्य यात्रियों को निकालने की प्रक्रिया जारी है। यदि मौसम अनुकूल रहा, तो सभी मार्ग शाम तक खोल दिए जाएंगे।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) से स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। सचिव आपदा प्रबंधन स्वयं राहत कार्यों की प्रगति की निगरानी कर रहे हैं और सभी विभागों को सतर्क व सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय से राहत कार्यों की मॉनिटरिंग लगातार की जा रही है और आवश्यकता अनुसार अतिरिक्त संसाधनों की व्यवस्था की जा रही है। सचिव आपदा प्रबंधन ने राज्य की आपदा प्रबंधन टीम, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन की त्वरित कार्रवाई की सराहना की है।
लोगों से अपील की गई है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल प्रशासन द्वारा जारी की गई सूचनाओं पर विश्वास करें। किसी भी आपात स्थिति में नजदीकी राहत केंद्र या कंट्रोल रूम से संपर्क करें।
इस दौरान राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में एसीईओ प्रशासन आनंद स्वरूप, एसीईओ क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, जेसीईओ मो. ओबैदुल्लाह अंसारी, यूएसडीएमए के विशेषज्ञ और विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारी उपस्थित रहे।

