राज्य सरकार ने कहा, खनन गतिविधियां पर्यावरणीय मंजूरी के बाद ही संचालित की जाती है
बेतालघाट एवं अन्य मैदानी जनपदों के खनन पट्टों की नीलामी पर याचिका के बाद लगाई थी रोक
अविकल उत्तराखंड
नैनीताल। जिले के बेतालघाट एवं अन्य मैदानी जनपदों के खनन पट्टों की नीलामी के लिए आमंत्रित ई-निविदा की प्रक्रिया पर लगाई गई रोक को हाईकोर्ट ने हटा दिया है। आज हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि राज्य में खनन गतिविधियां ई०आई०ए० नोटिफिकेशन के अन्तर्गत पर्यावरणीय मंजूरी के बाद ही संचालित की जाती है। कोर्ट ने सरकार के जवाब से संतुष्ट होकर जनहित याचिका को खारिज कर दिया।
नैनीताल हाइकोर्ट में आज बेतालघाट निवासी तरुण शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया कि बेतालघाट में कोसी नदी के किनारे करीब 19 हेक्टेयर सरकारी भूमि पर करीब एक दर्जन खनन पट्टों की नीलामी प्रक्रिया शुरू की गई है। नीलामी का टेंडर 19 अक्टूबर को खुलना था। कोर्ट की रोक के बाद निविदा प्रक्रिया को रोक दिया गया था।
आज हुई सुनवाई में कोर्ट द्वारा नैनीताल जिले के बेतालघाट एवं अन्य मैदानी जनपदों के खनन पट्टों की नीलामी हेतु आमंत्रित ई-निविदा की प्रक्रिया पर लगाई गई रोक हटा दी गई है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि राज्य में खनन गतिविधियां ई०आई०ए० नोटिफिकेशन दिनांक 14.09.2006 के अन्तर्गत पर्यावरणीय मंजूरी के बाद ही संचालित की जाती है। उच्च न्यायालय द्वारा उक्त रिट याचिका को निरस्त किये जाने के फलस्वरूप
आमंत्रित निविदा की तकनीकी निविदा खोले जाने की कार्यवाही बहाल हो गयी है।
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