अविकल उत्तराखंड
गैरसैंण। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने प्रदेश सरकार से उत्तराखंड राज्य आंदोलन की भावना के अनुरूप प्रदेश की स्थाई राजधानी तत्काल गैरसैंण घोषित करने के साथ उत्तराखंड उच्च न्यायालय को भी गैरसैंण में स्थापित करने पर गंभीरता से विचार करने की मांग की है। उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी सी तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड का यह दुर्भाग्य है कि जिस हिमालयी राज्य का सपना यंहा की जनता ने देखा था उसकी अवधारणा के केंद्र में गैरसैंण रहा है जिसके साथ सुनियोजित रूप से धोखाधड़ी की जा रही है।
उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी सी तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य बनने के पिछले 24 वर्षों में विकास के नाम पर इस हिमालयी राज्य की संवेदनशीलता, पर्यावरणीय विशेषताओं के साथ खिलवाड़ हुआ है। यहां प्राकृतिक संसाधनों, ज़मीनों को देहरादून, दिल्ली में बैठ कर ठिकाने लगाया जा रहा है व उत्तराखंड राज्य निर्माण के लिए लंबी लड़ाई लड़ने वाली जनता ख़ुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है।
उपपा अध्यक्ष ने कहा कि राज्य बनने के बाद उत्तराखंड के विभिन्न ज़िलों में स्थापित विभागीय मुख्यालयों को देहरादून स्थानांतरित किया गया है जिसके चलते पहाड़ी क्षेत्र वीरान व खाली हो रहे हैं किंतु हमारी सरकारें इस ओर ध्यान नहीं दे रही हैं।
उपपा ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय को लेकर भी सरकार व न्यायपालिका अभी तक कोई सर्वसम्मत फैसला नहीं कर पाई है ऐसी स्थिति में प्रदेश सरकार को जनभावनाओं के अनुरूप स्थाई राजधानी, उच्च न्यायालय के साथ सभी सरकारी विभागों के मुख्यालय गैरसैंण में स्थापित करने का निर्णय लेना चाहिए और राज्य आंदोलन की ताकतों को इस मुद्दे पर एकजुट होकर सरकार को यथाशीघ्र फैसला लेने के लिए विवश करना चाहिए।
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