भारत का तकनीकी क्षेत्र में भविष्य उज्जवल-देवजानी घोष
अविकल उत्तराखंड
रुड़की। आई आई टी रुड़की का 24 व दीक्षांत समारोह आज संपन्न हुआ।इस अवसर पर छात्र-छात्राओं को 2513 उपाधियां प्रदान की गई। जिसमें स्नातक करने वाले छात्रों में 1277 स्नातक 794 स्नातकोत्तर तथा 442 पीएचडी छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्राप्त प्रदान की गई।इस अवसर पर 143 मेधावी छात्रों को पुरस्कार एवं स्वर्ण पदक प्रदान किए गए ।
आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर कमल किशोर पंत ने कहा कि इस वर्ष के दीक्षांत समारोह का एक महत्वपूर्ण आकर्षण स्नातक छात्राओं के अनुपात में उल्लेखनीय वृद्धि होना है जो 2022 के मुकाबले इस वर्ष 23 फीसद अधिक है,जो लैंगिक विविधता और समावेश के प्रति आईआईटी रुड़की की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है और महिला सशक्तिकरण का सबसे बड़ा उदाहरण है।
इस दीक्षांत समारोह में नेस्कॉम की अध्यक्षा श्रीमती देवजानी घोष ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।कार्यक्रम की अध्यक्षता रुड़की आए के अध्यक्ष पीवीआर मोहन रेड्डी ने की। उन्होंने कहा कि विश्व प्रसिद्ध संस्थान आईआईटी रुड़की से जिन छात्र-छात्राओं ने ज्ञान हासिल किया है और कौशल प्राप्त किया है, वह उनके भविष्य के सभी प्रयासों की सफलता का सूत्र बनेगा । दीक्षांत समारोह की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए आईआईटी के निदेशक प्रोफेसर के के पंत ने स्नातक वर्ग के छात्र एवं उनके परिवारों को बधाई दी उन्होंने कहा कि संस्थान के की वार्षिक रिपोर्ट भी पर प्रकाश डाला। जिसमें 148 पेटेंट प्राप्त करना और इसकी वैश्विक रैंकिंग को 369 से 335 के स्थान पर पहुंचना शामिल है ।
उन्होंने कहा की आईआईटी रुड़की के पास इंजीनियरिंग और विज्ञान की एक समृद्ध विरासत है और हमारे वर्तमान उपलब्धियां नवाचार एवं उत्कृष्टता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है पूरे वर्ष हमारे कार्यक्रमों ने युवाओं को प्रेरित किया है और स्थिरता को बढ़ावा देकर उद्योग एवम उद्यमिता के सहयोग को आगे बढ़कर समाज को भी काफी प्रभावित किया है और हमारी प्रतिबद्धता 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने के लिए युवा पीढ़ी को तैयार करना है ।
विभिन्न प्रकार के पुरस्कार एवं राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं ने आज डिग्री मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की। पीएचडी धारक छात्र इशान शर्मा ने कहा कि इसके लिए वह अपने परिजनों गुरुजनों एवं उनके सहयोग करने वाले प्रोफेसर के प्रति आभारी हैं। जिन्होंने उनका समय-समय पर मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि वह अपने-अपने क्षेत्र में राष्ट्र की सेवा करना चाहते हैं और राष्ट्र के सामने आ रही विभिन्न चुनौतियां से निपटने के लिए विशेष उपलब्धि हासिल करना चाहते हैं ताकि वह आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ राष्ट्र का निर्माण में भी योगदान कर सकें । कई छात्र छात्राओं ने उच्च शिक्षा के लक्ष्य के लिए विशेष दक्षता प्राप्त करने की मंशा व्यक्त करते हुए भारत के उच्च शिक्षण संस्थानों एवम विदेश में उच्च शिक्षा ग्रहण करने की भी इच्छा व्यक्त की ।
मुख्य अतिथि नैसकॉम की अध्यक्षा श्रीमती देबजानी घोष ने कहा कि भारत में प्रौद्योगिकी और कंप्यूटर के क्षेत्र में भारत का भविष्य बहुत उज्जवल है। और भारत आने वाले समय में तकनीकी क्षेत्रों में विश्व का नेतृत्व करेगा। उन्होंने आईआईटी के नवोदित डिग्री धारी छात्र-छात्राओं से राष्ट्र सेवा करने की अपील की।
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