उत्तराखण्ड में गंगा नदी के अलावा अन्य नदियों को रिवर राफ्टिंग के लिए खोलकर रोजगार के खोले जाऐंगें द्वार- सतपाल महाराज 

अविकल उत्तराखंड/देहरादून। पर्यटन मंत्री उत्तराखण्ड सरकार सतपाल महाराज ने कहा कि, राज्य में साहसिक पर्यटन गतिविधि बढाने के उद्देश्य से उत्तराखण्ड में गंगा नदी के अलावा अन्य नदियों को रिवर राफ्टिंग हेतु खोल कर राज्य भर में पर्यटन के माध्यम से रोजगार के द्वार खोले जाऐंगें। उन्होंने बताया कि, इस साल अब गंगोत्री की यात्रा करने वाले श्रद्वालु और पर्यटक भागीरथी नदी में हर्षिल से रिवर राफ्टिंग का आनंद ले सकेंगे। पर्यटन मंत्री महाराज ने कहा कि, राज्य सरकार और मुख्यमंत्री की भावनाओं के अनुरुप भागीरथी के बाद राज्य की अन्य नदियों को भी तकनीकी समिति की जांच के बाद रिवर राफ्टिंग के लिए खोला जायेगा।

पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने बताया कि, रिवर राफ्टिंग गतिविधियों में उत्तराखण्ड राज्य विश्व स्तर में प्रसिद्व है लेकिन राज्य की अन्य नदियों में रिवर राफ्टिंग की अपार संभावनाऐं हैं, दुनिया भर के जल क्रीडा प्रेमी उत्तराखण्ड की नदियों में रिवर राफ्टिंग और वाइट वाटर क्याकिंग करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि, इसी उद्देश्य से उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद् (यू0टी0डी0बी0) ने अप्रैल माह में भागीरथी नदी में विश्व प्रसिद्व पर्यटक स्थल हर्षिल से आरंभ कर 15 किमी की दूरी को रिवर राफ्टिंग/क्याकिंग गतिविधियों के लिए उपयुक्त पाया। अब भागीरथी नदी को विश्व स्तरीय रिवर राफ्टिंग गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने के लिए एक रिवर राफ्टिंग कम्पनी को भागीरथी नदी में हर्षिल से रिवर राफ्टिंग/क्याकिंग गतिविधियों को आरंभ करने के लिए लाइसैंस दे दिया है।

उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद् (यू0टी0डी0बी0) के अतिरिक्त अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (साहसिक विंग) कर्नल अश्विनी पुण्डीर ने बताया कि, आज पहली बार भागीरथी नदी में लाइसैंसधारी कम्पनी ने सफलता पूर्वक पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को रिवर राफ्टिंग करायी है। उन्होंने कहा कि, जल्दी ही स्थानीय युवकों को रिवर राफ्टिंग को व्यवसाय के रुप आरंभ करने के लिए प्रेरित कर उन्हें लाइसैंस देकर भागीरथी नदी में साहसिक पर्यटन से रोजगार शुरु किया जायेगा।

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